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इतिहास की परतें खोलती राग देश

निर्देशक तिग्मांशु धुलिया देशभक्ति में रंगी हुई राग देश लेकर हाजिर हुए हैं। विषय तो देशभक्ति है लेकिन उस दौर की जब उस पर राजनीति नहीं होती थी। फिल्म की कहानी 1945 की है।
इतिहास की परतें खोलती राग देश

आजाद हिंद फौज और ब्रिटिश काल के दौर की यह कहानी तीन भारतीय सेना के जवान शहनवाज (कुणाल कपूर), गुरबक्श सिंह ढिल्लन (अमित साध) और कर्नल प्रेम सहगल (मोहित मारवाह) की कहानी है। तीनों फौजियों पर देशद्रोह का मुकदमा लगा कर मुकदमा चलाया जाता है। लेकिन तीनों को बचाने के लिए वकील भुलाबाई देसाई मुकदमें की पैरवी करते हैं।

मुकदमें के वक्त कई वाकये होते हैं और इसे बहुत ही दिलचस्प तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म आजाद हिंद फौज और नेताजी पर भी बहुत बारीकी से बात रखती है। कई तथ्य हैं जिनसे दर्शक पहली बार रूबरू होंगे। कसे हुए निर्देशन की वजह से फिल्म देखने लायक बन पड़ी है।

अगर फिल्म की तारतम्यता पर भी ध्यान दिया जाता तो यह फिल्म और अच्छी बन सकती थी। फिल्म का गीत कदम-कदम बढ़ाए जा बहुत खूबसूरती से फिल्माया गया है।

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