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अनकही सी एमएस धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी

'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' फिल्म को सीधे-सीधे बायोपिक नहीं कहा जा सकता। इसमें सिर्फ महेंद्र सिंह के जीवन की कुछ घटनाएं हैं। नीरज पांडे ने हालांकि पूरी कोशिश की है कि यह एक अच्छी बायोपिक फिल्म लगे। पर कहीं-कहीं लगता है कि धोनी के जीवन की कुछ परतें खुलनी फिर भी बाकी रह गई हैं।
अनकही सी एमएस धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी

अनकही कहानी का मतलब यह होता है कि कुछ ऐसा जो पहले कभी न कहा गया हो। लेकिन धोनी के जीवन जो घटा वह सभी को पता है और बस यही फिल्म में दिखाया गया है। एक टिकट चेकर से लेकर कैप्टन कूल तक आते-आते उनके जीवन में क्या घटा वह निर्देशक नीरज पांडे ने दिखाने की कोशिश की है।

धोनी के क्रिकेट जीवन के सफर में वैसे भी रोमांच की कमी नहीं है। उन्होंने भारत की टीम को जहां तक पहुंचाया उसे देखना दर्शकों के लिए बोनस की तरह है। कई तरह की घटनाओं को लेकर फिल्म रफ्तार से चलती है। दर्शकों के लिए धोनी के पारिवारिक जीवन को देखना दिलचस्प होगा। एक मध्यमवर्गीय परिवार का संघर्ष और बीच में चलती हल्की प्रेम कहानी। धोनी के स्टार बनने की कहानी से ज्यादा रोचक है उनके स्टार बनने से पहले का जीवन देखना।

धोनी बने सुशांत सिंह ने बहुत मेहनत की है। उन्होंने बहुत हद तक उनका मैनेरिज्म कॉपी करने की कोशिश की है। अनुपम खेर, भूमिका चावला और कियारा आडवाणी ने भी अच्छा काम किया है।  

अनुपम खेर, भूमिका चावला, कुमुद मिश्रा, राजेश शर्मा, दिशा पटानी, किआरा आडवाणी ने अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है। 

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