अमित राय बतौर निर्देशक अपनी फिल्म रोड टु संगम के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके हैं। फिलहाल वे अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ओह माई गॉड-2 का निर्देशन कर रहे हैं। पंकज त्रिपाठी से जुड़े सवालों पर उन्होंने आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी से बातचीत की। प्रमुख अंश:
पंकज त्रिपाठी को लेकर आपके मन में पहला ख्याल क्या आता है?
अगर मैं कोई एक्शन फिल्म निर्देशित करने के बारे में सोचूंगा तो मेरे दिमाग में राजकुमार राव नहीं आएंगे, क्योंकि वे इस ‘लीग’ के एक्टर नहीं हैं। जब मैं कोई गंभीर किरदार निभाने के लिए किसी एक्टर को कास्ट करना चाहूंगा तो मेरे दिमाग में पहला ख्याल पंकज त्रिपाठी का ही आएगा, क्योंकि आज के दौर में उस श्रेणी के एक्टरों में पंकज त्रिपाठी का नाम सबसे ऊपर है।
ऐसी कौन-सी बात है जो पंकज त्रिपाठी को बाकियों से अलग करती है?
पंकज के पास चेहरा है, लंबाई है और वे सुंदर डायलॉग डिलीवरी भी करते हैं। उन्हें हिंदी भाषा का भी ज्ञान है। वे जिस तरह से चरित्र से एकाकार होकर एक्टिंग करते हैं, वह लाजवाब है।
पंकज को ओह माई गॉड-2 में कास्ट करने का सबसे बड़ा कारण क्या है?
मुझे जो कैरेक्टर चाहिए था, वह पंकज त्रिपाठी के पास स्वाभाविक रूप से है। पंकज की खासियत यह है कि वे सेक्रेड गेम्स में एक विलेन का रोल कर सकते हैं तो मेरी फिल्म में एक ईमानदार चरित्र भी निभा सकते हैं। वे किसी रोल में ढलने में ज्यादा समय नहीं लेते और यही उनको कास्ट करने का ‘एक्स फैक्टर’ रहा है।
आपने कहा कि वे किसी रोल में आसानी से ढल जाते हैं, तो आपके हिसाब से इसमें रंगमंच में उनके काम की कितनी अहमियत है?
एक्टर ने अगर लोगों की जिंदगियों को देखा और अनुभव किया होगा तो वह अपने आप शानदार एक्टर बन जाएगा। पंकज ने अपने जीवन में बहुत विविधता देखी है। उन्होंने अपने जीवन में जो अनुभव किया है, उसी को पर्दे पर उतारा है।
इस फिल्म के लिए पंकज को आपने कैसे अप्रोच किया?
फिल्म में पंकज जो किरदार निभा रहे हैं, उसके लिए मैं, अक्षय कुमार और प्रोड्यूसर ने मिलकर यह सहमति जताई कि इस रोल के लिए पंकज को अप्रोच करना चाहिए। जब हम उनसे मिले तो पता चला कि मार्च 2023 तक वे व्यस्त हैं लेकिन भगवान की मर्जी से बीच में कुछ परिस्थितियां बदलीं और वे फिल्म के लिए राजी हो गए।
अक्षय कुमार और परेश रावल की केमिस्ट्री सेट पर शानदार रहती है, फिर ओह माई गॉड में परेश रावल की जगह पंकज को क्यों कास्ट किया गया?
यह एक एक्जीक्यूटिव निर्णय था। एक साथ जो तय हुआ, उस पर सब सहमत हुए। परेश रावल को निकाला नहीं गया है। अगर वे इस फिल्म में रहते तो वे भी अच्छा अभिनय करते, लेकिन अभी पंकज त्रिपाठी इस फिल्म में हैं तो उन्होंने भी अच्छा काम किया है।
पंकज त्रिपाठी की एक्टिंग की कोई दो खासियत बताइए। उनका सेट पर व्यवहार कैसा रहता है?
उनका काम इतना बड़ा है कि अगर मैं उस पर कुछ कहूंगा तो वह छोटा मुंह, बड़ी बात हो जाएगी। उनका काम ही उनका आईना है, जिसमें उनकी खासियत आपको दिख जाएगी। दूसरी तरफ, आज के जमाने ऐसे अभिनेता कम हैं जो सेट पर आते ही सबके साथ घुल-मिल जाते हैं। वे सेट पर स्टार बनकर नहीं आते हैं। वे एकदम मोम की तरह हैं।
लोग कहते हैं उनके हर किरदार में समानता होती है, जो अंत में उबाऊ हो जाता है। आपकी इस पर क्या राय है?
मुझे भी शुरू में ऐसा लगा था लेकिन फिर मैं कहना चाहूंगा कि सब कुछ डायरेक्टर पर निर्भर करता है, वह एक्टर से जैसा रोल करवाना चाहेगा, वह वैसा ही करेगा। आपने आज से पहले पंकज को किसी फिल्म में गाते हुए नहीं देखा होगा लेकिन वे इस फिल्म में प्लेबैक सिंगिंग करेंगे। लोग अभिषेक बच्चन के बारे में भी ऐसा ही कहते हैं, लेकिन जब मणिरत्नम और दिबाकर बनर्जी उनके साथ काम करते हैं, तो उनका काम बिल्कुल अलग होता है। मेरी फिल्म में जब आप पंकज को देखेंगे तो यह धारणा टूट जाएगी कि वे एक ही तरह का रोल करते हैं।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    