Advertisement

अमिताभ बच्चन ने अपनी नई फिल्म ‘चेहरे‘ के प्रमोशन के लिए चुनी 5 कविताओं की सीरीज

अमिताभ बच्चन हाल में एक अनोखे अंदाज में अपनी नई फिल्म ‘चेहरे‘ का प्रमोशन करते नजर आ रहे हैं। वे...
अमिताभ बच्चन ने अपनी नई फिल्म ‘चेहरे‘ के प्रमोशन के लिए चुनी 5 कविताओं की सीरीज

अमिताभ बच्चन हाल में एक अनोखे अंदाज में अपनी नई फिल्म ‘चेहरे‘ का प्रमोशन करते नजर आ रहे हैं। वे इसमें अपनी गंभीर जानदार आवाज में कविता पाठ करते हैं। यह फिल्म हाल में सिनेमाघरों में लगी है और साथ ही 5 वीडियो की सीरीज़ आई जिनमें बिग बी खुद एक किताब ‘चेहरे‘ से कविताएं पढ़ते दिखते हैं जो उनके सबसे बड़े प्रशंसकों में से एक विकास बंसल की 70 कविताओं का संकलन है। शबच्चन विकास को अपने विस्तृत परिवार का हिस्सा बताते हैं। विकास एक जोशीले कवि हैं जिन्होंने 1000 से अधिक कविताएं लिखी हैं और वर्तमान में बिजली चालित कैब ‘प्रकृति’ के सह-संस्थापक और निदेशक हैं। 

बंसल की लिखी किताब ‘चेहरे‘ ज़िन्दगी के सफर में भावनात्मक उथल-पुथल और इंसान के कर्मों और निर्णयों के परिणामों को लेकर उनके अनुभवों पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि कैसे विभिन्न परिस्थितियों में हमारे अलग-अलग ‘चेहरे’ सामने आते हैं। किताब एक मोनोलाॅग है जिसमें कवि जीवन के विभिन्न पहलुओं के सवाल और जवाब एक ही समय में हमारे सामने रखते हंै। नवंबर 2019 में विकास को खुद  बच्चन पुस्तक की एक प्रति भेंट करने का सुअवसर मिला था।

प्रमोशन के लिए बच्चन ने ‘‘चेहरे‘‘ की 5 कविताओं को चुना क्योंकि इन कविताओं के विशाल आयाम में इस मल्टी-स्टारर फिल्म के थीम की गूंज सुनाई देती है। बच्चन द्वारा जारी यह वीडियो रु‘चेहरेपोएम’ के साथ ट्रेंड कर रहा है और इंटरनेट पर इसकी धूम मची है। बच्चन ने भी अपने सबसे हाल के ब्लॉग में भी विकास की सराहना करते हुए लिखा है, ‘‘विकास की रचना के शब्द फिल्म के किरदारों से तालमेल रखते हों या नहीं, लेकिन उनका खास वज़ूद है... दरअसल फिल्म की कहानी या पटकथा से विकास अवगत नहीं थे फिर भी सही भावना पेश करना बड़ी उपलब्धि है..

इस भाव को गायन में समझने होगा ..लेकिन गायन की भी अपनी सीमाएं हैं .. प्रस्तुतकर्ता कविता या कविता को व्यक्त करते शब्दों का कुशल पाठक नहीं है या फिर प्रस्तुत करने की मनोदशा में लेखक की भावना में सराबोर नहीं है .. और यह हमेशा कविता की भावना का रहस्य बना रहेगा।’’

फिल्म के प्रमोशन में प्रयुक्त कविताओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विकास बंसल ने कहा, “ये कविताएं विभिन्न चेहरों को समर्पित हैं जो इंसान असली भावनाओं को छिपाने के लिए बनाते हैं। स्वयं बच्चन साहब ने कविता पाठ कर मेरा मान बढ़ाया है। मुझे बचपन के दिन याद हैं जब हम उनकी शानदार फिल्में देखने टिकट की लंबी कतार में खड़े होते थे। मैं हमेशा उनके सबसे बड़े प्रशंसकों में से एक रहा हूं।‘‘

बंसल की एक किताब ‘जज़्बातों का घर’ लॉकडाउन के दौरान अप्रैल 2020 में आई। इसके माध्यम से वे कोविड 19 महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित लोगों के लिए धन जुटाना चाहते थे। वे महीनों तक रोजाना लगभग 500 परिवारों को राशन और तैयार खाना उपलब्ध कराने में कामयाब रहे। 2020 में उनकी कम्पनी ‘प्रकृति’ ने 53,000 से अधिक कोरोना के मरीजों को बिना परेशानी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र पहंुचने में मदद की।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement