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आमिर या अक्षय : कौन बॉलीवुड को सदमे से उबारेगा ?

15 अगस्त नज़दीक है और भारतीय समाज आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए उत्साहित है। यही उत्साह हिन्दी...
आमिर या अक्षय : कौन बॉलीवुड को सदमे से उबारेगा ?

15 अगस्त नज़दीक है और भारतीय समाज आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए उत्साहित है। यही उत्साह हिन्दी फ़िल्म जगत में भी दिखाई दे रहा है। 15 अगस्त और रक्षाबंधन के उत्सव को मद्देनज़र रखते हुए हिन्दी सिनेमा की कुछ महत्वपूर्ण फ़िल्में सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही हैं। हिन्दी फ़िल्मों से जुड़े लोगों को बहुत उम्मीद है कि इन फ़िल्मों से बॉलीवुड का संक्रमण काल समाप्त होगा और खुशियों की धूप फिर से खिल उठेगी। 

 

11 अगस्त 2022 को दो बड़ी फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। पहली फ़िल्म है आमिर ख़ान की बहुप्रतीक्षित फ़िल्म “ लाल सिंह चड्डा”, जो कि मशहूत अमरीकी फ़िल्म “ फॉरेस्ट गंप “ का भारतीय रूपांतरण है और जिसे बनाने के लिए आमिर ख़ान को एक दशक से अधिक का परिश्रम करना पड़ा है। हिंदी सिनेमा के काबिल निर्देशक आनंद एल राय की फ़िल्म “ रक्षाबंधन “ वह दूसरी फ़िल्म है, जिस पर सभी हिंदी सिनेमा प्रेमियों की नज़र है। यह फ़िल्म भाई और बहन के रिश्ते पर आधारित है। फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक भाई, अपनी बहनों के भविष्य के लिए, अपनी इच्छाओं और सपनों का त्याग करता है।इस फ़िल्म में अभिनेता अक्षय कुमार और अभिनेत्री भूमि पेडनेकर मुख्य किरदार निभाते हुए नज़र आएंगे। 

 

आमिर ख़ान और अक्षय कुमार की फ़िल्मों का एक साथ रिलीज़ होना कई मायनों में बेहद ख़ास माना जा रहा है। जैसा कि विदित है वर्तमान समय हिन्दी फ़िल्मों के लिए बहुत अनुकूल नहीं है। पुष्पा, के जी एफ 2 और RRR की अपार सफलता के बाद चारों तरफ़ दक्षिण भारतीय फ़िल्मों की धूम है। “ शमशेरा”, “ सम्राट पृथ्वीराज चौहान “ जैसी बड़े बजट और प्रोडक्शन की फ़िल्में बॉक्स ऑफिस और समीक्षकों की नज़र में औंधे मुंह गिरी हैं। ऐसे में उत्सव और छुट्टियों के समय में आमिर ख़ान और अक्षय कुमार जैसे चोटी के कलाकारों की फिल्मी से बड़ी उम्मीद है। इनकी प्रतिभा और ज़बरदस्त फैन फॉलोइंग बॉलीवुड को पिछले कुछ समय में लगे धक्कों से उबरने में मदद कर सकती हैं। 

 

आमिर ख़ान और अक्षय कुमार समय और परिस्थिति की गंभीरता को समझते हैं। दोनों बड़े स्तर पर पूरी योजना, रणनीति के तहत अपनी फ़िल्मों का प्रचार कर रहे हैं। जहां एक तरफ़ आमिर ख़ान ने फ़िल्म “ लाल सिंह चड्डा “ में शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान की कैमियो परफॉर्मेंस से सनसनी पैदा करने की कोशिश की है, वहीं दूसरी ओर अक्षय कुमार भी पुरानी फ़िल्म की असफलता को भूलकर देशभर में फ़िल्म “ रक्षाबंधन “ के ताबड़तोड़ प्रमोशनल इवेंट्स कर रहे हैं। हाल के दिनों में भोजपुरी फ़िल्मों की सुपरस्टार “ अक्षरा सिंह” द्वारा लिया गया आमिर ख़ान का इंटरव्यू यह दर्शाता है कि लम्बे समय के बाद वापसी कर रहे आमिर ख़ान किसी क़िस्म की कोताही नहीं बरतना चाहते और वह हर पक्ष, हर तबके से अपनी फ़िल्म हेतु समर्थन हासिल करने के लिए लालायित हैं। 

 

सोशल मीडिया और देश के कुछ हिस्सों में बॉयकॉट गैंग सक्रिय हो गया है, जो आमिर ख़ान की फ़िल्म पर निशाना साध रहा है लेकिन फ़िल्मी दुनिया की समझ रखने वालों का मानना है कि इससे फ़िल्म पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि फ़िल्म का कॉन्टेंट अच्छा है तो फ़िल्म कामयाब होगी और हिंदी फ़िल्मों का सुनहरा दौर लौटेगा। फ़िल्म जानकारों का कहना है कि इससे पहले भी फ़िल्म दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार के समय भी आमिर ख़ान के खिलाफ़ माहौल बनाने की कोशिश की गई थी लेकिन दोनों फ़िल्मों के कॉन्टेंट और ज़बरदस्त परफॉर्मेंस ने विरोध प्रदर्शन की हवा निकाल दी थी। 

 

 

इसी तरह अटकलें लगाई जा रही हैं कि दो बड़ी फ़िल्मों के एक साथ रिलीज़ होने से फ़िल्मों के कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इन अटकलों का भी आधार कमज़ोर है क्योंकि हिन्दी सिनेमा के दर्शक आज भी अच्छी फ़िल्मों से प्यार करते हैं। उन्हें लगातार परोसे जा रहे औसत, फॉर्मूला कॉन्टेंट देखने के बाद अच्छी फ़िल्मों का बेसब्री से इंतज़ार है। “ भूल भुलैया 2 “, “ कश्मीर फाइल्स” इस बात का उदाहरण हैं कि आपके काम में दम है बॉक्स ऑफिस कलेक्शन आसमान की ऊंचाइयां हासिल करेगा। इसलिए चूंकि नुक्सान बड़ा हुआ है इसलिए भरपाई के लिए बड़े और सामूहिक प्रयास की ज़रूरत है। अक्षय कुमार की हालिया टिप्पणी यह दिखाती है कि वह दो बड़े फ़िल्मों के साथ में रिलीज़ होने से उत्साहित और सकारात्मक हैं न कि चिंतित और भयभीत। यह फ़िल्में रिलीज़ होने पर दर्शकों को रिझाने में कितना कामयाब होती हैं, इनका बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन रहता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन हम इतना कह सकते हैं कि निकट भविष्य में हिन्दी सिनेमा में कॉन्टेंट के स्तर पर हमें सुधार देखने को ज़रूर मिलने वाला है। 

 

 

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