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सेंसेक्स में 3935 अंकों की रिकॉर्ड गिरावट, बीएसई का मार्केट कैप 14.22 लाख करोड़ रुपए नीचे आया

देश-दुनिया के बड़े हिस्से में कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के चलते शेयर बाजारों में सोमवार को भी बड़ी...
सेंसेक्स में 3935 अंकों की रिकॉर्ड गिरावट, बीएसई का मार्केट कैप 14.22 लाख करोड़ रुपए नीचे आया

देश-दुनिया के बड़े हिस्से में कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के चलते शेयर बाजारों में सोमवार को भी बड़ी गिरावट आई। भारत में सुबह बाजार खुलने के थोड़ी ही देर बाद इंडेक्स 10 फ़ीसदी गिर गए। लोअर सर्किट लगने के कारण ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकनी पड़ी। मार्च 2020 में दूसरी बार ट्रेडिंग रोकने की नौबत आई। बाजार दोबारा खुले तो गिरावट और बढ़ गई। सेंसेक्स 13.15 फ़ीसदी यानी रिकॉर्ड 3934.72 अंक लुढ़क कर 25981.24 और निफ़्टी 12.98 फ़ीसदी यानी 1135.20 गिरकर 7610.25 पर बंद हुए। इस गिरावट के कारण बीएससी का मार्केट कैप करीब 14.22 लाख करोड़ रुपए घटकर 101.87 लाख करोड़ रुपए रह गया। डॉलर की तुलना में रुपया भी 92 पैसे गिर कर 76.12 रह गया है। कच्चे तेल में भी गिरावट है अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड में 4.5 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज हुई।

अमेरिका में राहत पैकेज पास ना होना भी गिरावट की प्रमुख वजह

दरअसल लॉक डाउन दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में किया गया है जिसके चलते विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी के आसार बनने लगे हैं। पूरे विश्व में  करीब एक अरब लोग लोग डाउन के चलते घरों में बंद हो गए हैं। सोमवार को एशिया के दूसरे बाजारों में भी गिरावट का माहौल रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में राहत पैकेज पर सहमति नहीं बन पा ना इस गिरावट की एक प्रमुख वजह है। अर्थशास्त्री और विश्लेषक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कोरोना वायरस का असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कितना गहरा होगा। गोल्डमैन साक्स, जेपी मॉर्गन चेज सब ने अमेरिका के साथ पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की विकास दर में गिरावट का अनुमान व्यक्त किया है।

जापान को छोड़कर एशिया के सभी बाजारों में गिरावट

न्यूजीलैंड के इंडेक्स में 7.6 फ़ीसदी, हांगकांग में 4.9 फ़ीसदी, ऑस्ट्रेलिया में 5.6 फ़ीसदी, चीन के शंघाई में 3.1 फ़ीसदी, 8 ताइवान में 3.7 फ़ीसदी की गिरावट आई। सिंगापुर का इंडेक्स 7.5 फ़ीसदी, जकार्ता इंडोनेशिया का 3.8 फ़ीसदी और दक्षिण कोरिया का 5.5 फ़ीसदी गिरकर बंद हुए। इन सबसे अलग जापान इंडेक्स 2 फ़ीसदी बढ़कर बंद हुआ।

भारतीय बाजार सवा 3 साल के निचले स्तर पर

भारत के शेयर बाजार इस समय सभा सवा 3 साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। अभी बाजार जिस लेवल पर है वह इससे पहले नवंबर-दिसंबर 2016 में था। सोमवार को बीएसई में 2,401 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई जिनमें से 2,037 में गिरावट दर्ज की गई। 1,180 शेयर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गए और 657 ने लोअर सर्किट को छू लिया।

ट्रेडिंग के घंटे कम करने का सुझाव खारिज

निफ्टी के सभी 50 और सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट आई। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 20 फीसदी गिरावट एक्सिस बैंक के शेयरों में रही। सबसे ज्यादा गिरने वाले अन्य प्रमुख शहरों में आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, हीरो मोटोकॉर्प और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल है। बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव ना हो इसके लिए रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को शॉर्ट सेलिंग पर अंकुश लगाने के कई उपायों की घोषणा की थी। कुछ ब्रोकरों ने ट्रेडिंग के घंटे कम करने का सुझाव दिया था हालांकि सेबी ने फिलहाल ऐसा करने से इनकार किया है।

दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में लॉक डाउन

ट्रेडर्स का कहना है कि भारत सरकार के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में भी लॉक डाउन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इससे आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप होने लगी है। यही वजह है कि निवेशकों का सेंटीमेंट नेगेटिव हो गया है और कोई भी इस समय बाजार में पैसा लगाने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के कारण देश के करीब 80 जिलों में लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। सभी ट्रेनें 31 मार्च तक बंद कर दी गई है। राज्य सरकारों ने भी अपनी तरफ से कई प्रतिबंध लागू किए हैं।

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