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दो दिनों से गिरावट के बाद शेयर बाजार में बढ़त, सेंसेक्स 300 अंक उछला, 11,369 के पार बंद हुआ निफ्टी

बुधवार को सेंसेक्स 304 अंक की बढ़त के साथ 37,717.96 पर तो निफ्टी 82.40 अंको की वृद्धि के साथ 11,369.90 के स्तर पर बंद हुआ...
दो दिनों से गिरावट के बाद शेयर बाजार में बढ़त, सेंसेक्स 300 अंक उछला, 11,369 के पार बंद हुआ निफ्टी

बुधवार को सेंसेक्स 304 अंक की बढ़त के साथ 37,717.96 पर तो निफ्टी 82.40 अंको की वृद्धि के साथ 11,369.90 के स्तर पर बंद हुआ है। बता दें कि लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद बुधवार को सेसेंक्स 50 अंकों की बढ़त के साथ खुला था। वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक निफ्टी भी 11,300 के ऊपर खुला था।

10:40 बजे तक सेंसेक्स 40.97 अंकों की बढ़त के साथ 37,454.10 पर कारोबार किया। वहीं निफ्टी 8.65 अंक की वृद्धि के साथ 11,296.15 पर कारोबार किया।

बता दें कि वैश्विक बाजार में हड़कंप का असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिल रहा है। इससे पहले मंगलवार को भारतीय रुपये में लगातार गिरावट और अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने की आशंकाओं से शेयर बाजार गिरावट का रुख देखा गया। मंगलवार को सेंसेक्स 509 अंक गिराकर 37,413.13 और निफ्टी 150 अंक फिसलकर 11,287.50 पर बंद हुआ। पिछले दो दिनों में सेंसेक्स लगभग 1000 पॉइंट नीचे आ गया।

ब्रोकर्स का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के मद्देनजर निवेशकों ने सतर्कता भरा रुख अपनाया है। साथ ही, लगातार कमजोर होते रुपये से विनिमय दर में गिरावट से भी बाजार पर असर पड़ा है।

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रुपये में गिरावटः रुपया अपने रिकॉर्ड रूप से निचले स्तर पर है। मंगलवार को 22 पैसे की बढ़त के साथ खुलने के बावजूद यह एक डॉलर के मुकाबले 72.91 रुपये स्तर तक जा पहुंचा।

बॉन्ड पर लाभ में वृद्धिः जब व्यापक आर्थिक संकेतक कमजोर हो जाते हैं, तो बॉन्ड की मांग अधिक बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। तब निवेशक जोखिम की भरपाई के लिए बॉन्ड्स पर अधिक रिटर्न्स की उम्मीद करते हैं।

वैश्विक बाजार में कमजोरीः वैश्विक बाजारों में कमजोरी ने घरेली निवेशकों को प्रभावित किया है। चीनी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी से भी एशियाई बाजारों पर असर दिखा।

वित्तीय घाटाः शुक्रवार को जारी आरबीआई आंकड़ों के मुताबिक भारत का चालू खाता घाटा चौथे तिमाही के उच्च स्तर तक पहुंच गया। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की सीएडी सकल घरेलू उत्पाद का 2.5-2.8 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि रुपये में गिरावट से तेल की कीमतें बढ़ी हैं।

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