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धोखाधड़ी पकड़ने वाली प्रणाली उन्नत बनाएगा सेबी

बाजार नियामक सेबी की धोखाधड़ी का पता लगाने वाली प्रणाली की क्षमता बढ़ाने की योजना में विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा और एलएंडटी इन्फोटेक समेत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई प्रमुख कंपनियों ने काफी रूचि दिखाई है।
धोखाधड़ी पकड़ने वाली प्रणाली उन्नत बनाएगा सेबी

एचपी और आईबीएम जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों के अलावा केपीएमजी जैसी प्रमुख परामर्शक कंपनियां भी इसमें दिलचस्पी ले रही हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), जिसके जिम्मे पूंजी बाजार नियमन और किसी तरह की गड़बड़ी का पता लगाने का काम है, अपने डाटा वेयरहाउसिंग एंड बिजनेस इंटेलिजेंस सिस्टम (डीडब्ल्यूआईबीएस) की क्षमता के विस्तार की योजना बना रहा है। इस प्रणाली का उपयोग कारोबार के आंकड़े के तेजी से विश्लेषण के लिए होता है ताकि भेदिया कारोबार, शेयर मूल्य में सांठ-गांठ जैसी किसी तरह की गड़बड़ियों का पता लगाया जा सके। सेबी ने 2011 में डीडब्ल्यूआईबीएस प्रणाली अपनाई थी जिससे उसे शेयर बाजार में कई तरह की धोखाधड़ी और साठ-गांठ होने जैसी गतिविधयों का पता लगाने में मदद मिली और नियामक के लिए यह जांच कार्य आगे बढ़ाने में आंकड़े जुटाने का मुख्य स्रोत भी है। सेबी अब इस प्रणाली को और उन्नत बनाना चाहता है।

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