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आरबीआई ने रेपो रेट 0.25% घटाया, घर से लेकर कार तक की घट सकती है EMI

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति का ऐलान...
आरबीआई ने रेपो रेट 0.25% घटाया, घर से लेकर कार तक की घट सकती है EMI

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति का ऐलान किया। गुरुवार को हुई बैठक में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) ने रेपो रेट में 0.25% कटौती की। इस कटौती के बाद यह 6% से घटकर 5.75% हो गया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट घटकर 5.50 फीसदी हो गया है। रेपो रेट में कमी से सभी तरह के लोन की ईएमआई सस्ती होने की उम्मीद बढ़ गई है। 

इस तरह आरबीआई ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। अब आरबीआई देश के बैंकों को 5.75 प्रतिशत की दर पर कर्ज उपलब्ध कराएगा। आरबीआई ने आरटीजीएस और एनईएफटी पैसे ट्रांसफर करने पर लगने वाले शुल्क को हटाने का फैसला किया है। साथ ही कहा है कि  बैंकों को अपने ग्राहकों को यह लाभ देना होगा।

रेपो रेट में कटौती की थी पहले से उम्मीद

रोप रेट में कटौती की उम्मीद पहले से ही जताई जा रही थी कि भारतीय बैंक पॉलिसी दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। रेपो रेट में 0.25% कटौती होने के बाद अब यह लगातार तीसरा मौका है जब आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है। माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती का कदम उठाया है। 

खास बात यह है कि जब से आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पदभार संभाला है, केंद्रीय बैंक ने महंगाई की दर में 0.50 फीसदी की कटौती की है। बीते दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के बाद शक्तिकांत दास ने आरबीआई गवर्नर का पदभार संभाला था।

पहले ही गवर्नर ने दिए थे संकेत

पिछले दिनों आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात के संकेत दिए थे, कि आरबीआई उसमें कटौती कर सकता है। केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए इस साल फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 25-25 आधार अंकों (0.25 फीसदी) की कटौती की थी। अप्रैल में जब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती की गई थी, तब कुछ ही बैंकों ने इसका लाभ लोगों को दिया था।

क्‍या होगा आप पर असर

 आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा। ब्‍याज दर कम होने की स्थिति में उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। इसके अलावा बैंक से नए लोन लेने की स्थिति में भी पहले के मुकाबले ज्‍यादा राहत मिलेगी।

इससे पहले 2 बार कटौती कर चुका है आरबीआई

आरबीआई की ओर से पिछली दो कटौती का लाभ बैंकों ने पूरी तरह से उपभोक्ताओं को नहीं दिया था। रेपो रेट घटाने के बाद कुछ ही बैंकों ने इसका लाभ लोगों को दिया था। इसके बाद आरबीआई ने बैंकों से कटौती का फायदा पहुंचाने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि इस बार आरबीआई बैंकों से पूरी कटौती देने को कह सकता है। बैंकों पर भी अपना करोबार बढ़ाने का दबाव है क्योंकि पिछले दिनों में कर्ज लेने की रफ्तार घटी है। इससे होम-कार या दूसरे तरह के कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

क्या होता है रेपो रेट

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की जरूरत होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई से पैसे लेते हैं। आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है। यही रेट रेपो रेट कहलाता है। 

 

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