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एनपीआर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, एक अप्रैल से जनगणना का काम भी रुका

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और पूरे देश में लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने 2021 की जनगणना के पहले चरण और...
एनपीआर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, एक अप्रैल से जनगणना का काम भी रुका

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और पूरे देश में लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने 2021 की जनगणना के पहले चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का काम फिलहाल स्थगित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया है कि यह काम अगले आदेश तक स्थगित किए जा रहे हैं।

दो चरणों में होना था जनगणना का काम

जनगणना का काम दो चरणों में पूरा किया जाना था। पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2020 तक और दूसरा चरण 9 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक होना था। पहले चरण के साथ ही असम को छोड़ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट किया जाना था।

प्रधानमंत्री ने कल ही की थी पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा

मंगलवार की शाम 8:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 21 दिनों तक पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी। यह लॉकडाउन मंगलवार की रात 12:00 बजे से चालू हो गया है। इस वजह से 1 अप्रैल से जनगणना और एनपीआर अपडेशन का काम नहीं हो सकता था। कुछ दिनों पहले जनगणना से जुड़े अधिकारियों की बैठक में गृह मंत्रालय ने कहा था कि जनगणना और एनपीआर अपडेशन की तैयारियां जोरों पर हैं और 1 अप्रैल से यह काम शुरू हो जाएंगे।

कई राज्य एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुके हैं

बहुत से राज्य एनपीआर के नए स्वरूप का विरोध कर रहे हैं और इसे लागू नहीं करने के संबंध में एक प्रस्ताव उन्होंने अपनी अपनी विधानसभाओं में पारित भी किया है। इन राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के साथ एनडीए शासित बिहार भी है। विरोध का मुख्य कारण  माता-पिता की जन्म तारीख और जन्म स्थान के बारे में पूछा गया सवाल है। हालांकि ज्यादातर राज्यों ने यह भी कहा है कि वे जनगणना के पहले चरण के काम में सहयोग करेंगे।

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