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कालाधन: 30 साल में भारतीयों ने विदेश में जमा किए 34 लाख करोड़ रुपये

भारतीयों ने 1980 से लेकर साल 2010 के बीच 30 साल की अवधि में लगभग 246.48 अरब डॉलर (17,25,300 करोड़ रुपये) से लेकर 490 अरब डॉलर...
कालाधन: 30 साल में भारतीयों ने विदेश में जमा किए 34 लाख करोड़ रुपये

भारतीयों ने 1980 से लेकर साल 2010 के बीच 30 साल की अवधि में लगभग 246.48 अरब डॉलर (17,25,300 करोड़ रुपये) से लेकर 490 अरब डॉलर (34,30,000 करोड़ रुपये) के बीच कालाधन देश के बाहर भेजा। तीन अलग-अलग दिग्गज संस्थानों-एनआईपीएफपी, एनसीएईआर और एनआईएफएम ने अपने अध्ययन में यह जानकारी दी है।

सोमवार को लोकसभा में पेश फाइनेंस पर स्टैंडिंग कमिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों संस्थानों का निष्कर्ष है कि जिन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा कालाधन पाया गया है उनमें रियल एस्टेट, माइनिंग, फार्मास्युटिकल्स, पान मसाला, गुटखा, तंबाकू, बुलियन, कमॉडिटी, फिल्म एवं एजुकेशन है।

काले धन पर कोई विश्वसनीय अनुमान नहीं

कमिटी ने 'स्टेटस ऑफ अनअकाउंटेड इनकम/वेल्थ बोथ इनसाइड ऐंड आउटसाइड द कंट्री-ए क्रिटिकल अनालिसिस' नामक रिपोर्ट में कहा है कि कालाधन सामने आने या इकट्ठा होने को लेकर कोई विश्वसनीय अनुमान नहीं है और न ही इस तरह का अनुमान जताने के लिए कोई सर्वमान्य पद्धति है। इस बारे में ‘सभी अनुमान बुनियादी मान्यताओं और उसमें किए गए समायोजनों की बारीकियों पर निर्भर करते हैं।’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ‘अब तक जो भी अनुमान जारी किए गए हैं, उनमें कोई एकरूपता या जांच की पद्धति और दृष्टिकोण के बारे में कोई एक राय नहीं पाई गई है।’

इन संस्थाओं ने जारी किए अपने अलग-अलग आंकड़े

रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने अपने अध्ययन में कहा है कि भारत से 1980 से लेकर 2010 के बीच 26,88,000 लाख करोड़ रुपये से लेकर 34,30,000 करोड़ रुपये का काला धन विदेश भेजा गया।

वहीं, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फाइनेंशल मैनेजमेंट (एनआईएफएम) ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुधार (1990-2008) के दौरान लगभग 15,15,300 करोड़ रुपये (216.48 अरब डॉलर) का काला धन भारत से विदेश भेजा गया।

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी ऐंड फाइनैंस (एनआईपीएफपी) ने कहा कि 1997-2009 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.2 फीसदी से लेकर 7.4 फीसदी तक काला धन विदेश भेजा गया।

विश्वसनीय आकलन कठिन काम

कालेधन पर राजनीतिक विवाद के बीच मार्च 2011 में तत्कालीन सरकार ने इस तीनों संस्थाओं को देश और देश के बाहर भारतीयों के कालेधन का अध्ययन/सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि अघोषित धन-सम्पत्ति का विश्वसनीय आकलन करना बड़ा कठिन काम है।

कालाधन बाहर भेजने वाले शीर्ष पांच देशों में भारत भी

- चीन

- रूस

- मैक्सिको

- भारत

- मलेशिया

कालाधन जीडीपी का कितना प्रतिशत

अफ्रीका-  5.53 फीसदी

यूरोप- 4.45 फीसदी

एशिया- 3.75 फीसदी

मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका- 3.73 फीसदी

अमेरिका और कैरेबियन- 3.3 फीसदी

साझा अनुमान निकलने की गुंजाइश नहीं

संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मुख्य आर्थिक सलाहकार का विचार है कि इन तीनों रिपोर्ट के आंकड़ों के आधार पर अघोषित संपत्ति का कोई एक साझा अनुमान निकालने की गुंजाइश नहीं है।’

कांग्रेस के एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस स्थायी समिति ने 16वीं लोकसभा भंग होने से पहले गत 28 मार्च को ही लोकसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके बाद आम चुनाव हुए और 17वीं लोकसभा का गठन हुआ है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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