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अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर, हुवावे यूजर्स को फिलहाल राहत

अमेरिका ने चीनी टेक दिग्गज हुवावे के खिलाफ पाबंदी 90 दिनों के लिए टाल दी है। उसकी तरफ से कहा गया है कि...
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर, हुवावे यूजर्स को फिलहाल राहत

अमेरिका ने चीनी टेक दिग्गज हुवावे के खिलाफ पाबंदी 90 दिनों के लिए टाल दी है। उसकी तरफ से कहा गया है कि हुवावे से टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट को मध्य अगस्त यानी 90 दिनों के लिए टाल दिया है। अमेरिका का कहना है कि ऐसा सॉफ्टवेयर अपडेट्स और अनुबंधी संबंधी बाध्यता की वजह से किया गया है। बयान में कहा गया है कि हुवावे और इसके पार्टनर को मौजूदा सपोर्ट सिस्टम, ऑपरेशनल नेटवर्क, सॉफ्टवेयर अपडेट्स के लिए पर्याप्त समय देने के लिए 90 दिनों तक बैन नहीं लगाया जाएगा। यह घोषणा अमेरिकी अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से की गई है।

फिलहाल यूजर्स को राहत

अमेरिकी सरकार की तात्कालिक फैसले की वजह फिलहाल हुवावे के स्मार्टफोन यूजर्स गूगल की सभी सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे। हालांकि, गूगल की ओर से मिलने वाले अपडेट नहीं मिल पाएंगे। इसके अलावा हुवावे अब भी एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल ओपन सोर्स लाइसेंस से कर सकता है। लेकिन, उसे गूगल प्ले स्टोर और गूगल ऐप्स की भी सुविधा नहीं मिलेगी। हुवावे की किसी नई डिवाइस में यूट्यूब और मैप्स जैसे ऐप्स भी नहीं होंगे।

ट्रेड वॉर का नतीजा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे का हवाला देते हुए टेलिकम्युनिकेशन व्यापार से जुड़ी अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कंपनियों से कारोबार के लिए प्रतिबंधित कर दिया। उनका यह कदम चीन से बढ़ते ट्रेड वॉर के नतीजे के रूप में देखा जा रहा है। शुरुआत में चीनी अधिकारों ने इस फैसले के बाद चीन और हुवावे का नाम नहीं लिया। लेकिन बाद में अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने हुवावे को उन कंपनियों की सूची में डाल दिया, जिन्हें अमेरिकी हितों के प्रति खतरा माना जाता है। अमेरिका का मानना है कि हुवावे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इसी मद्देनजर उसने यह फैसला किया। इसके बाद गूगल ने अपने बयान में कहा था, “सरकार के फैसले के मद्देनजर हम सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।” हुवावे का इस वजह से भी विरोध हो रहा है कि उसके नेक्स्ट जेनरेशन 5जी  नेटवर्क पर डिवाइस का इस्तेमाल सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। कई देशों का मानना है कि हुवावे के प्रोडक्ट्स के जरिए चीन उन देशों की निगरानी कर रहा है। उधर, हुवावे का कहना है कि अमेरिकी सरकार की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध के कारण 5जी टेक्नोलॉजी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

महज दो महीने पहले हुवावे के कंज्यूमर प्रोडक्ट डिविजन के सीईओ रिचर्ड यु ने बताया था कि अगर कंपनी को कभी एंड्रॉयड की सेवा नहीं मिलती है, तो प्लान बी के तहत वह मोबाइल ओएस विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। हुवावे अमेरिका में अधिक व्यापार नहीं करता है। कंपनी अमेरिका का अधिकांश ग्रामीण इलाकों में एकमात्र नेटवर्क इक्विपमेंट प्रोवाइडर है। मंत्रालय ने तात्कालिक राहत देते हुए 90 दिनों के लिए पाबंदी पर रोक लगा दी है।

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