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पूर्व वित्त सचिव गर्ग ने कहा, 2000 रुपये के नोटों की हो रही जमाखोरी, कर देना चाहिए चलन से बाहर

चलन में 2000 रुपये के नोटों की कमी को देखते हुए पूर्व वित्त सचिव एस.सी. गर्ग का कहना है कि इन नोटों का...
पूर्व वित्त सचिव गर्ग ने कहा, 2000 रुपये के नोटों की हो रही जमाखोरी, कर देना चाहिए चलन से बाहर

चलन में 2000 रुपये के नोटों की कमी को देखते हुए पूर्व वित्त सचिव एस.सी. गर्ग का कहना है कि इन नोटों का विमुद्रीकरण कर देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि 2000 रुपये के नोट अब अधिक चलन में नहीं हो सकते हैं, क्योंकि इसकी जमाखोरी की जा रही है। गर्ग ने कहा, “बड़ी संख्या में 2000 रुपये के नोट चलन में नहीं हैं, क्योंकि लोगों द्वारा इनकी जमाखोरी की जा रही है। इसलिए 2000 रुपये के नोट फिलहाल लेनदेन की करेंसी के रूप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है।” इसलिए पूर्व आईएएस अधिकारी गर्ग ने उच्च मूल्य वाले इस नोट को खत्म करने का सुझाव दिया है।

पूर्व नौकरशाह ने भारत के 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 72 पृष्ठों की नीति के पर्चे में कहा, "इस प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए एक आसान तरीका अपनाया जा सकता है। इसके लिए इन नोटों को बैंक अकाउंट में जमा करना होगा और इसके बदले कोई रिप्लेसमेंट नहीं होगी।" उनके अनुमान के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देखें तो चलन में कुल नोट में लगभग एक-तिहाई 2,000 रुपये के नोट हैं। बता दें कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण के बाद आरबीआई द्वारा नवंबर 2016 में 2000 रुपये के नोटों को जारी किया गया था।

नकद अर्थव्यवस्था के बारे में गर्ग ने कहा कि नकदी अभी भी चलन में काफी अधिक है। इसके अलावा, 2,000 रुपये के नोटों की जमाखोरी का प्रमाण है। गर्ग ने कहा कि पूरे विश्व में डिजिटल भुगतान का विस्तार हो रहा है और भारत में भी हो रहा है, लेकिन हमारे यहां इसकी गति धीमी है। उन्होंने कहा, "डिजिटल भुगतान के विस्तार की गति बहुत धीमी है।" नोटबंदी की घोषणा करते हुए सरकार ने कहा था कि इस कदम से काला धन कम होगा और नकली करेंसी के खतरे को खत्म किया जाएगा।

बता दें कि नौकरशाही में आला स्तर पर व्यापक फेरबदल के बाद वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव एस.सी. गर्ग को ऊर्जा मंत्रालय में सचिव बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी।

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