Advertisement

दालों की महंगाई पर हरकत में सरकार, बनेगा बफर स्टॉक

सरकार ने आज कहा कि वह दलहन की कीमतों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से इसका बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से 40,000 टन दलहन की खरीद करेगी। दलहनों की कीमतें खुदरा बाजार में इस समय 190 रपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
दालों की महंगाई पर हरकत में सरकार, बनेगा बफर स्टॉक

कृषि राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार किसानों से 40,000 टन दाल खरीदेगी। सरकार किसानों से बाजार दर पर 30,000 टन अरहर और 10,000 टन उड़द की दाल खरीदेगी।बालियान ने कहा कि आम लोगों को राहत देने के मकसद से केन्द्रीय भंडार और मदर डेयरी का सफल बिक्री केंद्र दिल्ली में आयातित अरहर दाल 120 से 130 रपये प्रति किलो के हिसाब से बेचेगा। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों ने भी आयातित दलहनों की बिक्री शुरू की है।

 

इस सप्ताह के आरंभ में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में अंतर मंत्रालयीय समूह ने दलहनों के बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया था और इसके लिए आयातित दलहनों को तरजीह देने का प्रस्ताव था। समूह ने दलहनों की आपूर्ति को बढ़ाने और कीमतों को अंकुश में रखने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) का इस्तेमाल करने का भी फैसला किया था।

 

बालियान ने कहा, हमने अरहर और उड़द के दाल का 40,000 टन का बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है। आयात के बारे में बालियान ने कहा कि सरकार ने सरकारी उपक्रम एमएमटीसी के जरिये 5,000 टन अरहर दाल का आयात किया है। सरकार जल्द ही अतिरिक्त 2,000 टन अरहर दाल का आयात करने के लिए अनुबंधों को अंतिम रूप देगी। मंत्री ने कहा कि वैश्विक बाजार में दलहनों की कमी है और कीमतें भी बढ़ गई हैं। घरेलू बाजार में कीमतें मुख्यत: कमजोर बरसात के कारण उत्पादन में कमी आने से बढ़ी हैं। निजी व्यापारी इस स्थिति का लाभ उठा रहे हैं।

 

विगत कुछ महीनों में दलहनों की कीमतें निर्बाध रूप से बढ़ी हैं जिसका कारण कमजोर मानसून और बेमौसम बरसात है। इसके कारण फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में दलहनों का घरेलू उत्पादन करीब 20 लाख टन घटकर एक करोड़ 72 लाख टन रह गया। देश के अधिकांश भागों में अरहर दाल की खुदरा कीमत बढ़ते हुए 190 रपये प्रति किलो की उंचाई पर जा पहुंची है। एक साल पहले अरहर दाल की कीमत 80 रुपये प्रतिकिलो थी और उड़द दाल 90 से 100 रुपये प्रति किलो थी।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement