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बचे माल पर नई कीमत नहीं छापी तो जा सकते हैं जेल

देश में पहली जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद अभी भी कारोबारियों पर काफी संख्या में पुराना माल बचा हुआ है। सरकार ने साफ किया है कि अगर बचे हुए माल पर संशोधित कीमत नहीं छापी तो निर्माताओं को जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है।
बचे माल पर नई कीमत नहीं छापी तो जा सकते हैं जेल

सरकार ने जीएसटी के लागू होने के बाद पहले के बचे हुए माल पर कीमत को लेकर भ्रम दूर करते हुए कहा था कि प्रकाशित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के साथ संशोधित कीमत को लेकर स्टीकर के इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी है, यानी पुराने माल पर अब पहले के एमआरपी के साथ जीएसटी के बाद कीमत में हुए बदलाव की अलग से जानकारी देनी होगी।  इसका मकसद बिक्री मूल्य में बदलाव को बताना है। यह मंजूरी तीन महीने के लिये दी गई है।

मालूम हो कि सरकार को यह जानकारी मिली थी कि कई कंपनियों के पास एक जुलाई से लागू जीएसटी से पहले का काफी माल बचा हुआ हैं। पहले के सामान पर जीएसटी से पहले के सभी करों के साथ एमआरपी है लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के साथ कर घटने या बढ़ने के कारण कुछ वस्तुओं के खुदरा मूल्य में बदलाव आया है। उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव के मुताबिक, पुराना एमआरपी को बचे हुए माल पर अनिवार्य रूप से दिखाना है और नई दर को स्टीकर के जरियए दिखाया जा सकता है।

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