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सरकार कोल इंडिया, हडको सहित कई कंपनियों की बेचेगी हिस्सेदारी, विनिवेश टारगेट पर नजर

सरकार द्वारा निर्धारित विनिवेश के ऊंचे लक्ष्य को हासिल करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड...
सरकार कोल इंडिया, हडको सहित कई कंपनियों की बेचेगी हिस्सेदारी, विनिवेश टारगेट पर नजर

सरकार द्वारा निर्धारित विनिवेश के ऊंचे लक्ष्य को हासिल करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ने कोल इंडिया, एनबीसीसी, एनसीएल और हडको जैसे कई सार्वजनिक उपक्रमों के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) लाने पर विचार कर रहा है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है।

कोल इंडिया में विनिवेश से मिल सकते हैं 7000 करोड़

सूत्रों के अनुसार इन सभी उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी घटाए जाने की गुंजाइश है। ओएफएस लाने का उद्देश्य चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 1.05 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करना है। कोल इंडिया के ओएफएस के जरिये 5000-7000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। सरकार हुडको की 10-15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है।

कई उपक्रमों के ओएफएस लाने पर विचार

पिछले साल नवंबर में सरकार कोल इंडिया का ओएफएस लेकर आई थी। इसके तहत तीन फीसदी हिस्सेदारी संस्थागत और खुदरा निवेशकों को बेचकर 5,500 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश की गई थी। हाउसिंग एंड अरबन डवलपमेंट कॉरपोरेशन लि. (हडको) का शेयर मूल्य 38.90 रुपये है। सरकार के पास इसकी 89.81 फीसदी हिस्सेदारी है। एनबीसीसी का शेयर मूल्य इस समय 54.75 रुपये है। इसमें सरकार के पास 68.18 फीसदी हिस्सेदारी है। नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (एनएलसी) की 90.91 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है। इसका शेयर मूल्य 65.65 रुपये चल रहा है। कोल इंडिया में सरकार के पास 70.96 फीसदी है। जबकि इसका मूल्य 231.70 रुपये है।

सरकार ने विनिवेश का लक्ष्य बढ़ाया बजट में

सूत्रों के अनुसार विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने को दीपन के लिए ओएफएस मुख्य विकल्प बन रहा है। सरकार ने इस साल के लिए केंद्रीय बजट में विनिवेश का लक्ष्य 90,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। अंतरिम बजट में विनिवेश लक्ष्य 90,000 करोड़ रुपये तय किया था।

इरकॉन की और हिस्सेदारी बेचने की संभावना
इससे पहले दीपम ने रेलवे उपक्रम इरकॉन में 89.18 फीसदी सरकारी हिस्सेदारी में से 16 फीसदी बेचने के लिए मर्चेंट बैंकरों को आमंत्रित किया था। इससे पहले ओएफएस के जरिये इरकॉन की 10.53 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 466.70 करोड़ रुपये जुटाए थे। सरकार इरकॉन में अपनी हिस्सेदारी और घटाकर पैसा जुटाना चाहती है। सेबी के नियमों के मुताबिक सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी घटाकर 25 फीसदी तक की जा सकती है। ओएफएस से सरकार को विनिवेश का लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी।

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