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जन धन बैंक खातों में जमाराशियां एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा

बड़ी संख्या में गरीबों के बैंक खाते खोलने के लिए शुरू ही गई जन धन योजना में जमाराशियों का आंकड़ा एक लाख...
जन धन बैंक खातों में जमाराशियां एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा

बड़ी संख्या में गरीबों के बैंक खाते खोलने के लिए शुरू ही गई जन धन योजना में जमाराशियों का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया है। मोदी सरकार ने पांच साल पहले यह योजना शुरू की थी, तब से इसमें 36.06 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। जन धन योजना में खाताधारकों को न्यूनतम बैलेंस समेत कई नियमों में छूट दी गई जो सामान्य बैंक खाते में नहीं मिलती है। इन छूटों का उद्देश्य है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को बैंक खाता इस्तेमाल करने में परेशानी न हो।

36 करोड़ जन धन खातों में बढ़ रहा है डिपॉजिट

वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 36.06 करोड़ जन धन खातों में जमा राशि तीन जुलाई को बढ़कर 100,495.94 करोड़ रुपये हो गई। जबकि एक सप्ताह पहले इन खातों की जमाराशि 99,232.71 करोड़ रुपये और 6 जून को 99,649.84 करोड़ रुपये थी। इन खातों में जमाराशियां लगातार बढ़ रही है। सरकार ने यह योजना 28 अगस्त 2014 को लांच की थी।

शून्य बैलेंस खातों की संख्या घट रही

वित्त मंत्री ने हाल में राज्यसभा में जानकारी दी थी कि जन धन योजना के तहत शून्य बैलेंस वाले बैंक खातों की संख्या लगातार घट रही है। मार्च 2018 में ऐसे खाते 5.10 करोड़ (16.22 फीसदी) थे जबकि मार्च 2019 में यह संख्या घटकर 5.07 करोड़ (14.37 फीसदी) रह गई। 28.44 करोड़ खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड जारी किया जा चुका है। इस योजना में न्यूनतम बैलेंस की कोई शर्त नहीं है।

जन धन खातों में कई तरह की सुविधाएं

योजना का उद्देश्य गरीब लोगों को बैंकिंग सुविधाएं सुलभ कराना था। जन धन बैंक खाता सामान्य बैंक खाता है। लेकिन इसमें रुपे डेबि कार्ड और ओवरड्राफ्ट की भी सुविधा दी जाती है। स्कीम की सफलता से उत्साहित सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खुलने वाले नए खातों में दुर्घटना बीमा की राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर की थी। ओवरड्राफ्ट की सीमा भी दोगुनी करके 10,000 रुपये कर दी गई।

अब हर वयस्क का खाता खोलने पर जोर

सरकार ने स्कीम को लेकर अब अपना फोकस बदल दिया था। अभी तक उसका फोकस प्रत्येक परिवार के पास कम से कम एक बैंक खाते का था। अब उसने प्रत्येक वयस्क व्यक्ति के बैंक खाते पर फोकस किया है। 50 फीसदी से ज्यादा बैंक खाते महिलाओं के हैं।

यह स्कीम लांच करने का सरकार का उद्देश्य आम लोगों तक बेसिक सेविंग बैंक एकाउंट, आवश्यकता के अनुरूप क्रेडिट सुविधा, रेमिटेंस जैसी वित्तीय सेवाएं पहुंचाना है। इसके अलावा गरीबों को दी जाने वाली पेंशन और दूसरी वित्तीय मदद सीधे उनके खाते में पहुंचाना है। इन खातों का इस्तेमाल लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम का लाभ देने के लिए खूब हो रहा है।

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