विमानन सचिव आरएन चौबे ने नई दिल्ली में एक विमानन क्षेत्र के कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, सरकार विभिन्न देशों के व्यापक स्वामित्व और प्रभावी नियंत्रण (एसओईसी) नियमों का भी अध्ययन करेगी जो अपनी विमानन कंपनियों में 49 प्रतिशत से अधिक एफडीआई की मंजूरी देते हैं।
मौजूदा मानदंड के तहत एओपी या उड़ान लाइसेंस किसी कंपनी को तभी दिया जाता है जबकि उसके चेयरमैन और दो तिहाई निदेशक भारतीय नागरिक हों और उसका स्वामित्व तथा प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिकों के हाथ में हो। चौबे ने कहा, एओपी से जुड़ी नीति पूरी तरह से एफडीआई नीति के अनुरूप होगी। इसलिए यदि उड़ान लाइसेंस क्षेत्र में ज्यादा एफडीआई निवेश परिवर्तित नहीं हो रहा है तो उसीके अनुरूप एओपी की जरूरतों में संशोधन किया जायेगा। नए उदारीकृत एफडीआई मानदंडों के तहत विदेशी विमानन कंपनियों को छोड़कर अन्य विदेशी निवेशक अब स्थानीय विमानन कंपनियों में 100 प्रतिशत तक निवेश कर सकते हैं। नये नियमों में 49 प्रतिशत तक एफडीआई आटोमेटिक मार्ग से किया जा सकता है जबकि उससे अधिक के लिये सरकारी मंजूरी की जरूरत होगी। वर्तमान में 49 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुसूचित एयरलाइंस में अनुमति है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    