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बीते नौ माह में 49 फीसदी घटी सोने की मांग

कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए लगाये गये लॉकडाउन और इसके कारण उपजी आर्थिक...
बीते नौ माह में 49 फीसदी घटी सोने की मांग

कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए लगाये गये लॉकडाउन और इसके कारण उपजी आर्थिक विषमताओं तथा सोने की बढ़ती कीमतों की वजह से इस साल सितंबर तक भारत में सोने की मांग गत साल की समान अवधि की तुलना में 49 प्रतिशत घट गयी।

विश्व स्वर्ण परिषद (वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल) की आज जारी रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से लेकर सितंबर तक की अवधि के बीच भारत में सोने की मांग में गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 252.4 टन रही । हालांकि परिषद का कहना है कि भारत में पिछले कई माह से सुस्त पड़ी सोने की मांग त्योहारी मौसम के दौरान सुधर सकती है।

जुलाई से सितंबर के बीच भारत में सोने की मांग गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत घटकर 86.6 टन रह गयी थी और इस लिहाज से अक्टूबर में शुरुआत अच्छी रही है। जुलाई से सितंबर 2020 के बीच पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जेवराती मांग 48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52.8 टन रही।

स्वर्ण परिषद के अनुसार, रिएल एस्टेट क्षेत्र की सुस्ती और सोने की कीमतों में आयी तेजी से वैसे निवेशकों का रूझान सोने में बढ़ा है, जिनके पास कालाधन है । इस अवधि में भले ही सोने की खपत घटी है लेकिन सोने के सिक्कों और सोने के छड़ें, जिन्हें निवेश के लिए जाना जाता है, उनकी मांग जुलाई से सितंबर के बीच 51 प्रतिशत बढ़ गयी।

परिषद ने आज कहा कि त्योहारों के दौरान जेवरातों की खुदरा खरीदारी बढ़ने की संभावना है और इससे सोने की मांग वापस पटरी पर लौट सकती है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच भारत में कई पर्व- त्योहार मनाये जाते हैं और इसी मौसम में कई शादियां भी होती हैं, जिससे आमतौर पर इस दौरान जेवरातों की खुदरा मांग बढ़ जाती है।

स्वर्ण परिषद के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पी आर के मुताबिक अभी कुछ दिन पहले भारत में दशहरे का त्योहार मनाया गया और सर्राफा कारोबारियों ने बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज करने के साथ ग्राहकों की संख्या बढ़ने की भी बात की है।

 

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