Advertisement

डब्लूटीआई क्रूड 12 डॉलर प्रति बैरल से नीचे, दो दशक से ज्यादा के निचले स्तर पर पहुंचे दाम

मांग में कमी और दुनियाभर के तेल भंडारों के लगभग भर जाने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की...
डब्लूटीआई क्रूड 12 डॉलर प्रति बैरल से नीचे, दो दशक से ज्यादा के निचले स्तर पर पहुंचे दाम

मांग में कमी और दुनियाभर के तेल भंडारों के लगभग भर जाने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत दो दशक से ज्यादा के निचले स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिकी बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्लूटीआई) क्रूड सोमवार को 12 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंच गया। भारतीय समय के अनुसार शाम 6:00 बजे एक बैरल क्रूड की कीमत 11.75 डॉलर थी। सोमवार को इसके दाम में 35.6 फ़ीसदी यानी 6.5 डॉलर की गिरावट आई। हालांकि ब्रेंट क्रूड में गिरावट 6.3 फ़ीसदी थी और एक बैरल ब्रेंट क्रूड की कीमत 26.3 डॉलर थी। भारत कई देशों से कच्चा तेल खरीदता है, भारतीय बास्केट की कीमत 19.5 डॉलर प्रति बैरल है।

अमेरिका तेल नहीं निकालने के लिए कंपनियों को रकम देगा

कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया के ज्यादातर हिस्से में अभी लॉक डाउन है, इसलिए पेट्रोलियम पदार्थों की मांग बहुत कम रह गई है। दाम कई दशक के निचले स्तर पर पहुंच जाने से अमेरिका का उर्जा मंत्रालय घरेलू तेल कंपनियों को तेल नहीं निकालने के लिए सहायता राशि देने पर विचार कर रहा है। पिछले हफ्ते अमेरिका में कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई थी।

दुनिया के तेल भंडार 70 फीसदी से ज्यादा भरे, रोजाना इजाफा

तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और रूस ने कई दिनों पहले दैनिक उत्पादन एक करोड़ बैरल घटाने का फैसला किया था, लेकिन इस पर अमल मई में होना है। इसलिए फिलहाल कच्चा तेल पूरी तरह कोरोनावायरस के भरोसे है। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वहां लॉक डाउन खत्म नहीं हुआ तो तेल के दाम मौजूदा स्तर से भी नीचे जा सकते हैं। दुनिया के तेल भंडार 70 फ़ीसदी से ज्यादा भर गए हैं और डिमांड कम होने के चलते भंडार रोजाना बढ़ रहा है।

भारत में पेट्रोल-डीजल की बिक्री 60 फीसदी से ज्यादा घटी

भारत में अप्रैल के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री में 64 फ़ीसदी, डीजल में 61 फ़ीसदी और विमान ईंधन (एटीएफ) में 94 फ़ीसदी गिरावट आई। लॉक डाउन के चलते निजी वाहन बहुत कम चल रहे हैं, ट्रकों की आवाजाही भी बहुत कम हो रही है। जहां तक विमानों का सवाल है, तो यात्रियों के लिए सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने अभी बंद पड़ी हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का अनुमान है कि इस वर्ष भारत में कच्चे तेल की मांग 5.6 फ़ीसदी घट जाएगी। मार्च की रिपोर्ट में इसने 2.4 फ़ीसदी बढ़ोतरी का अनुमान जताया था। भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फ़ीसदी कच्चा तेल आयात करता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad