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मई में कार और अन्य वाहनों की बिक्री 80 फीसदी गिरी, पर ट्रैक्टर की पहले जैसी

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ऑटो कंपनियों के लिए बीता...
मई में कार और अन्य वाहनों की बिक्री 80 फीसदी गिरी, पर ट्रैक्टर की पहले जैसी

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ऑटो कंपनियों के लिए बीता महीना मई बेहद खराब रहा है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री मई में 86.23 फीसदी गिर गई। इसके अतिरिक्त अन्य कई कंपनियों की बिक्री 80 फीसदी से ज्यादा गिरी है। लेकिन अच्छी बात यह है कि कृषि क्षेत्र से ऑटो सेक्टर को सहारा मिल सकता है। फार्म इक्विपमेंट और ट्रैक्टर बनाने वाली एस्कोर्ट्स की बिक्री मई पिछले साल के मई के लगभग बराबर रही है। उसकी बिक्री में महज तीन फीसदी गिरावट उम्मीद जगाने वाली है।

मारुति को निर्यात में भी झटका

मारुति सुजुकी के बयान के अनुसार इस साल मई में वह सिर्फ 18,539 कारों की बिक्री कर पाई जबकि पिछले साल इसी महीने में 134,641 कारें बिकी थीं। घरेलू बाजार बिक्री 88.93 फीसदी गिर गई।  वह सिर्फ 13,888 कारें बेच पाई जबकि पिछले साल मई में 1,25,552 कारों की बिक्री हुई थी। निर्यात बिक्री भी 48.82 फीसदी गिरकर 4651 कारों की रह गई।

दूसरी कंपनियों की भी हालत खराब

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने मई बिक्री 79 फीसदी घटकर 9560 वाहनों की रह गई। पिछले साल उसने मई में 45,521 कारें बेची थीं। उसकी घरेलू बिक्री 79 फीसदी घटकर 9076 वाहनों की रह गई। निर्यात में भी 80 फीसदी की कमी आई। कंपनी के यात्री वाहनों में 81 फीसदी और व्यावसायिक वाहनों की बिक्री में 71 फीसदी की कमी आई। ह्युंडई मोटर इंडिया ने बिक्री 78.7 फीसदी गिरकर 12,583 वाहनों की रह गई। पिछले साल मई में उसने 59,102 वाहनों की बिक्री की थी। घरेलू बिक्री 83.8 फीसदी गिरकर 6883 वाहनों की रह गई। एमजी मोटर इंडिया ने मई में 710 वाहनों की बिक्री की। कंपनी का कहना है कि उसने अपने हलोल प्लांट में उत्पादन शुरू कर दिया है लेकिन 30 फीसदी की क्षमता से ही उत्पादन हो रहा है। कंपनी के 65 फीसदी शोरूम और सर्विस स्टेशन खुल चुके हैं। टोयोटा किर्लोस्कर ने भी बिक्री में 86 फीसदी गिरावट की जानकारी दी है।

उद्योग के सामने चुनौतियां

मारुति ने कहा है कि उसने बीते 12 मई को मानेसर और 18 मई को गुरुग्राम प्लांट में उत्पादन दोबारा शुरू कर दिया। उसके डीलरों ने भी अपने शोरूम खोलकर बिक्री शुरू कर दी है। एमएंडएम के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर (ऑटोमोटिव डिवीदन) वीजे राम नाकरा ने कहा कि कंपनी की 70 फीसदी डीलरशिप चालू हो चुकी है और बिक्री शुरू हो गई। कंपनी की बिक्री पर उन्होंने कहा कि उद्योग के सामने चुनौतियों के चलते हमारा प्रदर्शन भी मई में सुस्त रहा है।

जुलाई से कामकाज कारोबार की उम्मीद

ह्युंडई मोटर के डायरेक्टर (सेल्स, मार्केटिंग एंड सर्विस) तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी ने सामान्य कारोबार की दिशा में कदम बढ़ाया है लेकिन शुरूआत हल्की रही है। ग्राहकों ने क्रेटा, वेरना और वेन्यू जैसे मॉडलों में अच्छी दिलचस्पी दिखाई। एमजी मोटर के डायरेक्टर (सेल्स) राकेश सिदाना ने कहा कि कंपनी को जुलाई से कारोबारी गतिविधियां सामान्य होने की उम्मीद है। अभी कंपनी को सप्लाई चेन की बाधा, क्रेडिट की कमी और कुछ डीलरों के यहां काम शुरू न होने से दिक्कत आ रही है। कंपनी अपने वाहन की डिलीवरी के लिए इंतजार कर रहे ग्राहकों से लगातार बात कर रही है।

अच्छी खबर- ट्रैक्टर बिक्री नहीं गिरी

भले ही यात्री और व्यावसायिक वाहनों की बिक्री में निराशाजनक तस्वीर दिखाई दे रही है लेकिन कृषि क्षेत्र उम्मीद जगाता दिख रहा है। फार्म इक्विपमेंट कंपनी एस्कोर्ट्स की ट्रैक्टर बिक्री मई में सिर्फ 3.4 फीसदी ही गिरी। इस तरह लॉकडाउन के बावजूद कंपनी इस साल मई में 6594 ट्रैक्टर बेचने में कामयाब रही जबकि पिछले साल मई में 6827 ट्रैक्टरों की बिक्री हई थी। घरेलू बिक्री 6488 से घटकर 6454 ट्रैक्टरों की रही जबकि निर्यात बाजार में बिक्री 339 ट्रैक्टरों से घटकर 140 रह गई।

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