रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लंबे इंतजार के बाद बुधवार को नोटबंदी से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं। आरबीआई ने बताया है कि नोटंबदी के दौरान चलन से बाहर किए गए 1000 रुपये के पुराने नोटों में से करीब 8.9 करोड़ नोट (1.3 फीसदी) बैंकों में वापस नहीं आए हैं। इसका मतलब यह है कि नोटंबदी के बाद 1000 रुपये के लगभग 99 फीसदी पुराने नोट आरबीआई में वापस आ चुके हैं। आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी है, जिससे नोटबंदी के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि जब 99 फीसदी पुराने नोट बैंकों में जमा हो गए तो काला धन कहां गया। जिसके बारे में नोटबंदी के समय बड़े-बड़े वादे किए गए थे।
आरबीआई के आंकडों के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे सरकार की नाकामी करार दिया। चिदंबरम ने ट्वीट किया, "चलन से बाहर किए गए 15.44 लाख करोड़ रुपये के नोटों में से सिर्फ 16,000 करोड़ रुपये आरबीआई के पास वापस नहीं आए। जो केवल एक फीसदी है। नोटबंदी की सिफारिश करने वाले रिजर्व बैंक के लिए शर्मनाक है।
Rs 16000 cr out of demonetised notes of Rs 1544,000 cr did not come back to RBI. That is 1%. Shame on RBI which 'recommended' demonetisation
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 30, 2017
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "99 फीसदी नोट कानूनी तौर पर बदल दिए गए तो क्या नोटबंदी काले धन को सफेद करने की स्कीम थी?
99% notes legally exchanged! Was demonetisation a scheme designed to convert black money into white?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 30, 2017
चिदंबरम ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा, "आरबीआई को 16,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ लेकिन नए नोट छपने में 21,000 करोड़ रुपये गंवा दिए। ऐसे अर्थशास्त्रियों को इसके लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।"
RBI 'gained' Rs 16000 crore, but 'lost' Rs 21000 crore in printing new notes! The economists deserve Nobel Prize.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 30, 2017