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फिर बढ़ी महंगाई की मार, खुदरा दर पांच महीने में सबसे ज्यादा

अाम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। जून में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हो गई है। जून में खुदरा महंगाई...
फिर बढ़ी महंगाई की मार, खुदरा दर पांच महीने में सबसे ज्यादा

अाम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। जून में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हो गई है। जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले महीने मई में 4.87 फीसदी पर थी। खुदरा महंगाई दर लगातार तीसरे महीने बढ़ी है और रिटेल महंगाई दर का पिछले पांच महीने में यह सबसे ऊंचा आंकड़ा है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कंज्यूमर प्राइस इंफ्लेशन (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल मई में 4.87 फीसदी और पिछले साल जून में 1.46 फीसदी रही थी। इससे पहले जनवरी 2018 में यह 5.07 फीसदी के उच्च स्तर पर थी।

श्रेणीवार महंगाई के आंकड़े

केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खाने-पीने के सामान में महंगाई दर कम होकर जून में 2.91 फीसदी पर आ गई। जबकि मई में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 3.1 फीसदी रही थी।

हालांकि, फ्यूल और पावर सेगमेंट में मुद्रास्फीति बढ़कर जून में 7.14 फीसदी पर पहुंच गयी जो कि मई में 5.8 फीसदी पर आई थी। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति चार फीसदी के आसपास रखने का निर्देश दिया है। रिजर्व बैंक को इसे चार फीसदी से दो फीसदी अधिक या कम के दायरे का लचीलापन भी दिया गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ब्याज दरों की समीक्षा के लिए इस महीने के बाद में बैठक करने वाली है।

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