Advertisement

यात्री वाहनों की ब‌िक्री में 22 साल की सबसे बड़ी ग‌िरावट, अगस्त में 31.57 फीसदी घटी मांग

घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री अगस्त में भी घट गई है। इसमें 31.57 फीसदी गिरावट आई है। यात्री...
यात्री वाहनों की ब‌िक्री में 22 साल की सबसे बड़ी ग‌िरावट, अगस्त में 31.57 फीसदी घटी मांग

घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री अगस्त में भी घट गई है। इसमें 31.57 फीसदी गिरावट आई है। यात्री वाहनों की बिक्री में यह लगातार दसवें महीने गिरावट है। वाहनों की ब‌िक्री में इतनी ज्यादा ग‌िरावट 22 साल के बाद दर्ज की गई है। पिछले महीने 1,96,524 यात्री वाहनों की बिक्री हुई, जबकि अगस्त 2018 में 2,87,198 वाहन बिके थे।

दूसरे महीने भी ब‌िक्री 30 फीसदी से ज्यादा घटी

देश में वाहनों की ब‌िक्री में 1997-98 के बाद पहली बार इतनी ज्यादा ग‌िरावट दर्ज की गई है। जुलाई में वाहनों की ब‌िक्री में 30 फीसदी से ज्यादा ग‌िरावट दर्ज की गई थी। सबसे ज्यादा च‌िंता की बात यह है क‌ि सरकार की घोषणाओं के बावजूद वाहनों की ब‌िक्री में ग‌िरावट थमी नहीं है।

कारों की बिक्री ग‌िरी 41 फीसदी

ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सियाम के मुताबिक कारों की बिक्री में 41.09 फीसदी कमी आई है। अगस्त 2018 के 1,96,847 की तुलना में पिछले महीने सिर्फ 1,15,957 कारों की बिक्री हुई है।

दोपहिया बिक्री में भी 22 फीसदी गिरावट

मोटरसाइकिल की बिक्री 22.23 फीसदी और सभी दोपहिया वाहनों में 22.24 फीसदी गिरावट दर्ज हुई है। पिछले महीने 9,37,486 मोटरसाइकिलें बिकीं, जबकि एक साल पहले इसी माह 12,07,005 बिकी थीं। सभी दोपहिया वाहनों की बिक्री 19,47,304 से घटकर 15,14,196 रह गई।

कमर्शियल वाहनों की बिक्री 38.71 फीसदी कम

कमर्शियल वाहनों में 38.71 फीसदी गिरावट है। इनमें बस-ट्रक आदि आते हैं। इनकी बिक्री सिर्फ 51,897 यूनिट की हुई है। सियाम के अनुसार सभी तरह के वाहनों की बिक्री 23.55 फीसदी घटकर 18,21,490 यूनिट रह गई है। अगस्त 2018 में कुल 23,82,436 वाहनों की बिक्री हुई थी।

सरकारी घोषणाओं से नहीं म‌िला सहारा

इस महीने के शुरू में कंपन‌ियों के वाहन ब‌िक्री के न‌िराशाजनक आंकड़े सामने आने के बाद स‌ियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा था क‌ि कर्ज उपलब्ध कराने की सरकारी घोषणा से बाजार में कोई सुधार नहीं द‌िखा है। कारें ही नहीं, बल्क‌ि दोपह‌िया और कमर्श‌ियल वाहनों की ब‌िक्री में भी ग‌िरावट जारी है। सरकार की घोषणाओं के बावजूद गैर बैंक‌िंग व‌ित्तीय कंपन‌ियों को बैंकों से कर्ज नहीं म‌िल रहा है। गौरतलब है क‌ि दोपह‌िया और कॉमर्श‌ियल वाहनों की ब‌िक्री काफी हद तक एनबीएफसी की फंड‌िंग पर ‌न‌िर्भर होती है।

ड‌िस्काउंट के बावजूद बिक्री नहीं बढ़ी, जीएसटी घटाने की मांग

स‌ियाम का कहना है क‌ि वाहन ब‌िक्री बढ़ाने के ल‌िए कंपन‌ियां अपने स्तर पर भारी ड‌िस्काउंट देकर ग्राहकों को लुभाने का प्रयास कर रही हैं। लेक‌िन इससे भी ब‌िक्री सुधारने में मदद नहीं म‌िली है। स‌ियाम की मांग है क‌ि ऐसे में सरकार को वाहनों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करना चाह‌िए। सरकार को इसके बारे में फैसला तुरंत करना चाह‌िए। अगर इसमें देरी होती है तो त्यौहारी सीजन पर भी ब‌िक्री सुस्त पड़ जाएगी।

अर्थव्यवस्था में ऑटो सेक्टर अहम

वाहन ब‌िक्री घटना इस वजह से अर्थव्यवस्था के ल‌िए अत्यंत च‌िंताजनक माना जा रहा हैं क्योंक‌ि इससे जुड़ी हजारों सहायक कंपन‌ियां पार्ट्स और एसेसरीज बनाती और सप्लाई करती हैं। अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और रोजगार पैदा करने में ऑटो सेक्टर, रियल्टी और टेक्सटाइल के साथ अत्यंत अहम माना जाता है।

बढ़ रही है बेरोजगारी

वाहन ब‌िक्री घटने के कारण कंपन‌ियों को उत्पादन में कटौती करनी पड़ रही हैं। अनुमान है क‌ि प‌िछले महीने तक करीब 3.5 लाख रोजगार कम हो चुके थे। सुस्ती का दौर आगे ख‌िंचने से आशंका है क‌ि और कर्मचारी बेरोजगार हो सकते हैं। वैसे उद्योग का अनुमान है क‌ि मंदी लंबी ख‌िंची तो दस लाख रोजगार खतरे में पड़ सकते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad