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अब देश में होगी क्लाउड आधारित वाई-फाई की शुरुआत, जानें क्या है खासियत

सरकारी संस्थानों एवं वित्तीय संस्थानों समेत कॉरपोरेट जगत को वृहद स्तर पर अत्याधुनिक वाई-फाई सेवा...
अब देश में होगी क्लाउड आधारित वाई-फाई की शुरुआत, जानें क्या है खासियत

सरकारी संस्थानों एवं वित्तीय संस्थानों समेत कॉरपोरेट जगत को वृहद स्तर पर अत्याधुनिक वाई-फाई सेवा देने वाली कंपनी मोजो नेटवर्क्स ने देश में क्लाउड आधारित वाई-फाई नेटवर्क का विस्तार करने की योजना बनायी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कंपनी का कहना है कि वाई-फाई की क्लाउड आधारित प्रौद्योगिकी पारंपरिक वाई-फाई सेवाओं की तुलना में अधिक सुरक्षित तथा सहज है।

मोजो नेटवर्क्स के सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष किरण देशपांडे ने संवादाताओं से कहा, ‘ कंपनी का लक्ष्य देश में वृहद स्तर पर इस तरह की क्लाउड आधारित वाई-फाई सेवा मुहैया करानी है। इसके लिए सर्वर भारत में ही होस्ट किया जाए।’ उन्होंने कहा कि पारंपरिक प्रौद्योगिकी से बड़े स्तर पर सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं को देने में ज्यादा हार्डवेयर लगता है तथा सुरक्षा संबंधी दिक्कतें सामने आती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘पारंपरिक प्रौद्योगिकी के तहत 10 लाख एक्सेस प्वायंट (एपी) के लिए 53 रैक्स मशीनों की जरूरत होती है लेकिन क्लाउड आधरित प्रौद्योगिकी में इसके लिए महज 12 रैक्स पर्याप्त हैं। इसके अलावा नयी प्रौद्योगिकी अपनाने से श्रम बल पर निर्भरता भी कम होती है।’’ कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी प्रवीण भागवत ने कहा कि इस तकनीक के तहत किसी भी एक जगह पर सर्वर होस्ट कर देश के किसी भी हिस्से में वाई-फाई सेवा उपलब्ध करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुकेश अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जिओ ने भी मोजो की इसी प्रौद्योगिकी को अपनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्लाउड आधारित इस प्रौद्योगिकी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये इस तरह से विकसित किया गया है कि यह नेटवर्क में आने वाली दिक्कतों की खुद ही पहचान कर उसे दूर कर लेता है। पारंपरिक सेवा के तहत नेटवर्क में कोई दिक्कत आने पर उसे ठीक करने में कई बार काफी दिन लग जाते हैं और इसके लिए इंजीनियर भी भेजने पड़ जाते हैं, लेकिन क्लाउड आधारित प्रौद्योगिकी में इस तरह की दिक्कतें नहीं आती हैं।’’ भागवत ने इस मौके पर बताया कि कंपनी भारतवाई-फाई मुहिम से युवाओं को जोड़ने के लिए वाई-फाई थिंकफेस्ट का भी आयोजन करने वाली है। इसमें कोई भी पेशेवर या विद्यार्थी भाग ले सकते हैं और नवाचारी तरीके एवं विचार साझा कर सकते हैं। इसके लिए 15 जनवरी 2018 तक ‘वाईफाई-केएस डॉट ओआरजी’ वेबसाइट पर पंजीयन कराया जा सकता है। विचार एवं तरीके साझा करने की अंतिम तिथि 10 फरवरी होगी और परिणाम की घोषणा 17 फरवरी को की जाएगी। विजेताओं को बेंगलुरु में नौ मार्च को वाई-फाई नॉलेज समिट में सम्मानित किया जाएगा।

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