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मॉल्स और यहां की अत्याधुनिक सुविधाओं ने बदली लोगों की आदतेंः अनुज पुरी

देश में तेजी से हो रहे शहरीकरण और डिजिटलीकरण के कारण मध्यमवर्गीय लोगों की आय के साथ-साथ उनके रहन-सहन...
मॉल्स और यहां की अत्याधुनिक सुविधाओं ने बदली लोगों की आदतेंः अनुज पुरी

देश में तेजी से हो रहे शहरीकरण और डिजिटलीकरण के कारण मध्यमवर्गीय लोगों की आय के साथ-साथ उनके रहन-सहन में तो बदलाव आया ही है भारत के रीटेल सेक्टर में भी क्रांति आ गई है। इसकी वजह से देश भर में मॉल्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के चेयरमैन अनुज पुरी का मानना है कि रीटेल सेक्टर में 2020 तक 60 फीसदी ग्रोथ आने की उम्मीद है जो 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो सकती है। उनका मानना है कि देश में तेजी से विकसित हुए मॉल्स और यहां की आधुनिक सुविधाओं ने लोगों की आदतें बदल दी हैं।

पुरी का मानना है कि सरकार ने पिछले कुछ रीटेल सेक्टर में एफडीआइ के मानदंडों को आसान बनाकर अपना लक्ष्य स्पष्ट कर दिया है। भारतीय रीटेल क्षेत्र में अपार संभावनाओं और प्रवेश बाधाओं के खत्म होने के कारण विदेशी रीटेलर्स अब यहां बड़े स्तर पर विस्तार कर रहे हैं।  सिर्फ मेट्रो ही नहीं अहमदाबाद, चंडीगढ़,लखनऊ और जयपुर जैसे टायर-2 शहर भी इनके निशाने पर हैं। यहां भी बड़े पैमाने पर संगठित रूप से रीटल शो रूम खुल रहे हैं। वास्तव में कहा जाए तो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में मॉल्स तेजी से अपने पैर फैला रहे हैं।

मॉल्स से बदली आदतें

द ग्रेट इंडियन मॉल बूम की शुरुआत साल 2000 की शुरुआत में हुई। इस समय पूरे देश में तीन मॉल थे। इसके बाद लोगों की आदत बदलने लगी। वे आम किराना दुकानों और अलग-अलग जगहों पर बने स्टोर की जगह साफ, चमकदार, वातावरण नियंत्रित और अत्याधुनिक मॉल्स में खरीददारी के लिए जाने लगे।  

2007-08 की मंदी, ई-कॉमर्स व्यापार के शुरू होने के अलावा कई रूकावटों के बाद भी भारत में मॉल्स की संख्या बढ़ती ही गई। 2017 के अंत तक देश में 600 से ज्यादा मॉल्स हैं। इसके अलावा टॉप आठ शहरों 14 मिलियन स्क्वायर फुट क्षेत्रफल वाले 30 से ज्यादा मॉल्स के 2020 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।

आज जो मॉल्स सबसे ज्यादा चल रहे हैं उनमें खरीददारी का अलग अनुभव तो होता ही है यहां मनोरंजन और सामाजिक कार्यों के लिए भी पूरी सुविधा उपलब्ध होती है। ये ऐसी महत्वपूर्ण जगह पर बने होते हैं जहां निजी और सार्वजनिक परिवहन से पहुंचना आसान होता है। ग्राहकों की बदलती मांग का अनुमान लगाने की क्षमता और उसके अनुसार बदलाव के कारण आज मॉल्स काफी सफलतापूर्वक चल रहे हैं।

भारत में प्रमुख मॉल

आज की तारीख में भारतीय मॉल्स खुद को साबित करने वाले ब्रांड बन चुके हैं। खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए डिजाइन और निर्माण के स्तर से लेकर ये इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं जिससे ग्राहक वहां खींचे चले आएं। एनसीआर और उसके आसपास ग्राहकों को अद्भुत अनुभव का अहसास कराने वाले कई मॉल्स मौजूद हैं। इनमें कुछ प्रमुख हैं-

-नोएडा के डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया के पास इंडोर स्की रेंज मौजूद है 

-नोएडा का ग्रेट इंडिया प्लेस, जिसे जीआइपी के नाम से जाना जाता है, में वाटर पार्क के अलावा बच्चों के लिए बेहत प्ले जोन (वर्ल्ड्स ऑफ वंड ऐंड किजजैनिया) है।

-ग्रेटर नोएडा का द ग्रैंड वेनिस मॉल वेनेटियन थीम पर आधारित पर्यटक स्थल के रूप में उभरा है। यहां का गोंडोला राइड्स लोगों को यूरोप में होने का अहसास कराता है।

-क्षेत्रफल के हिसाब से देश के दूसरे सबसे बड़े जयपुर के मॉल वर्ल्ड ट्रेड पार्क में 24 प्रोजेक्टर के जरिए छत पर एक छवि बनाने की अद्वितीय क्षमता है।

इनके अलावा जो उत्तर में जो मॉल्स लोगों को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं वे हैं डीएलएफ प्रोमेंड और साकेत का सेलेक्ट सिटी, गुड़गांव के डीएलएफ साइबरहब और ऐंबिएंस मॉल और चंडीगढ़ का डीएलएफ सिटी सेंटर।

सुदूर दक्षिण के देश के सबसे बड़े माने जाने वाले कोच्चि के लुलु इंटरनेशनल मॉल में तकनीक के सहारे ऐसी रचनात्मकता उपलब्ध है जो लोगों को एक अलग ही अनुभव का अहसास कराती है। यहां नए जमाने की तकनीक जैसे जियो-फेंसिंग, बीकॉन टेक्नोलॉजी और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट की पहचान (एएनपीआर) उपलब्ध है। यह अपने ग्राहकों के साथ प्रभावित करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है और उन्हें मॉल के भीतर नवीनतम गतिविधियों की जानकारी देते रहता है।

इस कड़ी में फीनिक्स मार्केट सिटी मॉल के बेंगलूरू और चेन्नई स्थित चेन का नाम भी जोड़ा जा सकता है। लाइफ स्टाइल और मनोरंजन के बड़े ठिकाने के रूप में इनकी व्यापक पहचान बन गई है। ये मॉल्स रीटेल, मनोरंजन, सिनेमा, खाद्य और पेय पदार्थ (एफ ऐंड बी) के क्षेत्र में संपूर्ण और प्रीमिमय सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।

देश के पश्चिमी हिस्से ने भी भारतीय मॉल्स की गाथा में सफलता के कई अध्याय लिखे हैं। मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (एमएमआर) सबसे प्रतिष्ठित शॉपिंग सेंटर तो है ही इसके अलावा इनोबिट मॉल, हाइ स्ट्रीट फीनिक्स और इनफिनिटी मॉल भी किसी से कम नहीं है। पड़ोस के पुणे में, जहां जमीन ज्यादा उपलब्ध हैं, फीनिक्स मार्केट सिटी, अमानोरा टाउन सेंटर और सीजंस मॉल भी सफलतापूर्वक चल रहे हैं।

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