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लॉकडाउन के चलते अप्रैल में मारुति की घरेलू बिक्री शून्य, डीलर अपना रहे नए तरीके

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा है कि बीते अप्रैल माह के दौरान घरेलू...
लॉकडाउन के चलते अप्रैल में मारुति की घरेलू बिक्री शून्य, डीलर अपना रहे नए तरीके

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा है कि बीते अप्रैल माह के दौरान घरेलू बजार में उसकी एक भी कार की बिक्री नहीं हुई क्योंकि देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरे महीने लॉकडाउन लागू रहा। एमजी मोटर इंडिया ने भी शून्य बिक्री की जानकारी दी है।

मारुति ने सिर्फ 632 कारें निर्यात कीं

कंपनी ने एक बयान में कहा कि अप्रैल में उसकी घरेलू बाजार में बिक्री शून्य रही। लॉकडाउन के कारण कंपनी के सभी प्लांटों में उत्पादन ठप रहा। हालांकि मुंदरा पोर्ट पर कामकाज शुरू होने पर कंपनी ने 632 कारों का निर्यात किया। कंपनी ने सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए इन कारों का निर्यात किया था।

एमजी मोटर की भी बिक्री शून्य

एमजी मोटर इंडिया ने भी अप्रैल में बिक्री शून्य रहने की जानकारी दी है। लॉकडाउन के कारण कंपनी के डीलरों का कामकाज बंद रहा। कंपनी ने सिर्फ घरेलू बाजार के आंकड़े जारी किए हैं। उसके बयान के अनुसार अप्रैल में बिक्री शून्य रही।

अप्रैल अंत में हलोल प्लांट आंशिक रूप से चालू

कंपनी ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में अपने हलोल प्लांट में आंशिक तौर पर कारों का उत्पादन शुरू किया है। उसने उम्मीद जताई है कि मई में बिक्री शुरू हो जाएगी। कंपनी लोकस सप्लाई चेन को सुचारु करने पर काम कर रही है। कंपनी ने कहा है कि सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी निर्देशों का पालन करते हुए वह उत्पादन में तेजी लाने का प्रयास कर रही है।

कांटेक्टलेस बिक्री पर जोर

ऑटोमोबाइल उन सेक्टरों में है जिस पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर हुआ है। ऑटो कंपनियों का कामकाज ठप हो गया है। इसके अलावा लक्जरी सेगमेंट होने के कारण भी इसकी बिक्री में तेजी आने की संभावना बहुत कम है हालांकि डीलर बिक्री के लिए दूसरे तरीके अपना रहे हैं। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस का कहना है कि सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए बिक्री पर जोर देना डीलरों की मजबूरी हो गया है। ऐसे में वे कांटेक्टलेस बिक्री पर काम कर रहे हैं। फेडरेशन के प्रेसीडेंट आशीष काले का कहना है कि ऑटो डीलरशिप मॉडल में आने वाले समय में भारी बदलाव आएगा।

ऑटो कंपनियों ने मांगी रियायतें

अर्थव्यवस्था में इसकी अहमियत को समझते हुए सरकार भी जल्द से जल्द ऑटोमोबाइल सेक्टर को पटरी पर लाने की इच्छुक दिखाई दे रही है। गुरुवार को भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग गे जरिये ऑटो कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा की और उनसे उद्योग को पटरी पर लाने के लिए सुझाव देने को कहा। मारुति सुजुकी के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ केनिची आयुकावा, महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका, हीरो मोटोकॉर्प के सीएमडी पवन मुंजाल, सियाम के अध्यक्ष राजन वाढेरा और एसीएमए के अध्यक्ष दीपक जैन ने जावडेकर के साथ बातचीत में जीएसटी में कटौती और लिक्विटी बढ़ाने सहित कई मांगे रखी हैं।

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