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जियो का असर- खत्म हो सकता है मुफ्त कॉलिंग का जमाना

टेलीकॉम ग्राहकों के लिए मुफ्त में कॉल करने का जमाना खत्म होता लग रहा है। रिलायंस जियो ने दूसरी कंपनी के...
जियो का असर- खत्म हो सकता है मुफ्त कॉलिंग का जमाना

टेलीकॉम ग्राहकों के लिए मुफ्त में कॉल करने का जमाना खत्म होता लग रहा है। रिलायंस जियो ने दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल के लिए ग्राहकों से पैसे लेने की जो घोषणा की है, उससे यही संकेत मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि जियो के इस कदम के बाद एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी दूसरी कंपनियां भी कॉल के पैसे लेने पर मजबूर होंगी। यही नहीं, प्रतिस्पर्धा कम होने से आगे चलकर कॉल दरों में बढ़ोतरी भी हो सकती है।

दूसरी कंपनियां भी फ्री कॉलिंग खत्म कर सकती हैं

इसकी वजह है इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज। जिस कंपनी के नेटवर्क से कॉल ओरिजिनेट होती है उसे उस कंपनी को पैसे देने पड़ते हैं, जिसके नेटवर्क पर कॉल जाती है। इसे इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज (आईयूसी) कहते हैं। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने इसे प्रति मिनट 6 पैसे तय कर रखा है। जियो के ग्राहकों को जब दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल के पैसे देने पड़ेंगे, तो वे मिस्ड कॉल कर सकते हैं। तब दूसरी कंपनी के ग्राहक जियो के नेटवर्क पर कॉल करेंगे। ऐसा हुआ तो वह कंपनी जियो को प्रति मिनट 6 पैसे का भुगतान करेगी। इससे बचने के लिए वह कंपनी भी फ्री कॉलिंग की सुविधा खत्म कर शुल्क लगा सकती हैं।

जब तक आईयूसी व्यवस्था रहेगी, तब तक शुल्क लेगी जियो

जियो ने बुधवार को घोषणा की थी कि जियो के नेटवर्क से दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल के लिए वह प्रति मिनट 6 पैसे शुल्क लेगी। बुधवार से होने वाले सभी रीचार्ज पर यह लागू होगा। यह शुल्क तब तक लगता रहेगा जब तक आईयूसी की व्यवस्था लागू रहेगी। जियो का कहना है कि उसे तीन साल में आईयूसी के रूप में एयरटेल, वोडाफोन और दूसरी कंपनियों को 13,500 करोड़ रुपये देने पड़े। इसलिए अब वह शुल्क लगाकर इसकी भरपाई करेगी। हालांकि प्रतिस्पर्धी कंपनी एयरटेल ने जियो का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि यह आईयूसी खत्म करने के लिए रेगुलेटर पर दबाव बनाने की कोशिश है।

ट्राई ने दिए हैं आईयूसी जारी रखने के संकेत

टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने 2017 में आईयूसी 14 पैसे से घटाकर 6 मिनट कर दिया था। तब उसने कहा था कि समीक्षा के बाद यह व्यवस्था 1 जनवरी 2020 से खत्म की जा सकती है। लेकिन अब हाल ही इसने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जिसमें कहा गया है यह समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।

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