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विवादों के बीच बोली सरकार, हमने RBI से नहीं मांगे 3.6 लाख करोड़ रुपये

भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सरकार...
विवादों के बीच बोली सरकार, हमने RBI से नहीं मांगे 3.6 लाख करोड़ रुपये

भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सरकार द्वारा 3.6 लाख करोड़ की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। गर्ग ने साफ तौर पर कहा कि वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को सरप्लस के 3.6 लाख करोड़ देने संबंधित कोई प्रपोजल नहीं दिया है।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि मीडिया में गलत अनुमान लगाया गया और सरकार का राजकोषीय गणित (फिसिकल) गणित पूरी तरह से ट्रैक पर था। मीडिया में बहुत गलत-गलत अटकलें चल रही हैं।

आरबीआई को 3.6 लाख करोड़ रुपये सरकार को ट्रांफर करने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया

वर्ल्ड बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रह चुके गर्ग ने कहा कि आरबीआई को 3.6 लाख करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच एकमात्र प्रस्ताव आरबीआई के उचित आर्थिक पूंजी ढांचे को तय करने के लिए फ्रेम वर्क संबंधित द्वारा चर्चा की गई है।

जानें क्या है मामला

कई मीडिया रिपोर्ट्स में सरकार और आरबीआई के बीच टकराव का मुख्य कारण सरप्लस राशि से 3.6 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करना बताया जा रहा था। ऐसी खबरें थी कि वित्त मंत्रालय द्वारा इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव केंद्रीय बैंक को भेजा गया था जिससे आरबीआई ने इनकार कर दिया था।  

जानें क्या है सरप्लस का मतलब

सरप्लस मतलब किसी देश का पूंजीगत भंडार जो कि आरबीआई के पास कुल 9.59 लाख करोड़ है। केंद्रीय बैंक किसी भी आर्थिक चुनौती या आपातकाल से निपटने के लिए हमेशा सरप्लस की राशी को रिजर्व रखती है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि सरकार का मानना है कि केंद्रीय बैंक ने पूंजीगत भंडार की आवश्यकताओं का अधिक अनुमान लगाया है जिसके परिणामस्वरूप 3.6 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी हुई है।

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