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बीपीसीएल के विनिवेश के लिए सरकार ने मंगाई बोली, सिर्फ निजी कंपनियां निविदा में ले सकेंगी हिस्सा

देश में सबसे बड़े निजीकरण की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने शनिवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन...
बीपीसीएल के विनिवेश के लिए सरकार ने मंगाई बोली, सिर्फ निजी कंपनियां निविदा में ले सकेंगी हिस्सा

देश में सबसे बड़े निजीकरण की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने शनिवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में विनिवेश के लिए बोली मंगाई है। बीपीसीएल भारत की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनिंग कंपनी है। इसमें सरकार की 52.98 फ़ीसदी हिस्सेदारी है। सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020 21 के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपये विनिवेश का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के लिए भारत पेट्रोलियम का निजीकरण जरूरी है।

इच्छुक कंपनियों से 2 मई तक बोली मंगाई गई

विनिवेश के लिए निविदा निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की तरफ से जारी की गई है। इसमें रणनीतिक हिस्सेदारी खरीदने के लिए इच्छुक कंपनियों से 2 मई तक बोली मंगाई गई है। इसके मुताबिक 52.98 फ़ीसदी शेयरों के साथ खरीदार को बीपीसीएल का प्रबंधन भी हस्तांतरित किया जाएगा। नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में बीपीसीएल की 61.65 फ़ीसदी इक्विटी हिस्सेदारी है। उसे इस बोली से बाहर रखा गया है। नुमालीगढ़ रिफाइनरी किसी सरकारी तेल एवं गैस कंपनी को बेची जाएगी।

निविदा प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी

भारत पेट्रोलियम के लिए निविदा की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट (ईओआई) मंगाए गए हैं। जिन कंपनियों को पहले चरण में छांटा जाएगा, वे दूसरे चरण में पैसे की बोली लगाएंगी।

सिर्फ निजी कंपनियां निविदा में हिस्सा ले सकेंगी

यह निजीकरण की प्रक्रिया है, इसलिए कोई सरकारी कंपनी इस निविदा में हिस्सा नहीं ले सकेगी। जो निजी कंपनी निविदा में हिस्सा लेना चाहती है, उसकी नेटवर्क कम से कम 10 अरब डॉलर होनी चाहिए। अगर कई कंपनियां मिलकर कंसोर्सियम के रूप में निविदा में हिस्सा लेना चाहती हैं, तो कंसोर्सियम में चार से ज्यादा कंपनियां नहीं होनी चाहिए।

खरीदार को मिलेगा भारत का एक चौथाई ईंधन बाजार

भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला एनर्जी मार्केट है। यहां के ईंधन बाजार में भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी लगभग एक चौथाई है। भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता में बीपीसीएल की हिस्सेदारी 14 फ़ीसदी है। देश में इसकी चार रिफाइनरी हैं, जो मुंबई, कोच्चि, बीना और नुमालीगढ़ में स्थित हैं। इनकी कुल रिफाइनिंग क्षमता 3.83 करोड़ टन प्रतिवर्ष है। भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता अभी 24.94 करोड़ टन  सालाना है।

अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर लाना पड़ेगा

भारत पेट्रोलियम का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 87,388 करोड़ रुपये है। इसमें सरकार की हिस्सेदारी की कीमत लगभग 46,000 करोड़ रुपये है। बोली जीतने वाली कंपनी को और 26 फ़ीसदी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर भी लाना पड़ेगा। नुमालीगढ़ रिफाइनरी किसी सरकारी कंपनी को बेची जाएगी, इसलिए भारत पेट्रोलियम के खरीदार को बाकी 3.53 करोड़ टन रिफाइनिंग क्षमता मिलेगी।

बीपीसीएल के हैं 15,178 पेट्रोल पंप

भारत पेट्रोलियम के देशभर में 15,178 पेट्रोल पंप और 6,011 एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एजेंसियां हैं। इसके अलावा 51 एलपीजी बॉटलिंग प्लांट भी हैं। मात्रा के हिसाब से देश में सप्लाई होने वाले पेट्रोलियम प्रोडक्ट का 21 फ़ीसदी भारत पेट्रोलियम सप्लाई करती है। विमान ईंधन (एटीएफ) की सप्लाई में इसकी हिस्सेदारी लगभग 20 फ़ीसदी है।

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