Advertisement

नोटबंदी की मार, साल भर में जीडीपी ग्रोथ 7.9 से घटकर 5.7 फीसदी रह गई

इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
नोटबंदी की मार, साल भर में जीडीपी ग्रोथ 7.9 से घटकर 5.7 फीसदी रह गई

देश की अर्थव्यवस्था पर नोटंबदी की मार एक बार फिर आंकडों के जरिए उजागर हुई है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी की ग्रोथ तीन साल के न्यूनतम स्तर पर 5.7 पर आ गई है। नोटबंदी के चलते लगातार तीसरी तिमाही में जीडीपी की विकास पर असर दिखाई दिया है। मैन्युफैक्चरिंग और उद्योग-धंधो में सुस्ती को जीडीपी ग्रोथ में कमी की प्रमुख वजह माना जा रहा है।

इससे पहली तिमाही (जनवरी-मार्च, 2017) में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही थी। जबकि पिछले  वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में (अप्रैल-जून) जीडीपी की विकास दर 7.9 फीसदी थी। सरकार की ओर से जारी जीडीपी के आंकड़ों में कृषि, सर्विस, मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्री जैसे सेक्टरों की ग्रोथ में कमी दिखाई दे रही है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ पिछले वर्ष की तुलना में 10.7 से गिरकर 1.2 प्रतिशत रह गई। इसी तरह वित्त, इंश्योरेंस, रियल इस्टेट सेक्टर में ग्रोथ पिछले साल के 9.4 प्रतिशत की तुलना में अब 6.4 प्रतिशत है। सर्विस सेक्टर की ग्रोथ नौ प्रतिशत से गिरकर 8.7 प्रतिशत, इंडस्ट्री सेक्टर की ग्रोथ 7.4 प्रतिशत से घटकर 1.6 प्रतिशत, कृषि सेक्टर की ग्रोथ 2.5 प्रतिशत से गिरकर 2.3 प्रतिशत रह गई है। 

जीडीपी ग्रोथ में आई गिरावट के लिए अर्थशास्त्री जहां एक तरफ नोटबंदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं सरकार इसके पीछे जीएसटी को मुख्य वजह बता रही है। मुख्य सांख्यिकीविद् टीसीए अनंत ने गुरुवार (31 अगस्त) को कहा कि जीडीपी  ग्रोथ की गिरावट को नोटबंदी से जोड़ना सही नहीं है। जीएसटी की वजह से देश में विनिर्माण विकास घट गया। इस वजह से ये स्थिति बनीं है। अनंत के मुताबित वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग समेत सभी सेक्टर्स में रिकवरी देखने को मिलेगी।

वहीं कुछ अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं। एचडीएफसी के चीफ इकोनोमिस्ट अभीक बरुआ ने कहा, "नोटबंदी और जीएसटी दोनों का असर जीडीपी ग्रोथ रेट में साफ दिखा है। ये आंकड़े बताते हैं कि अंतिम तिमाही की मंदी में तेजी आई है, जिसकी प्रमुख वजहों में लंबी अवधि तक सुस्ती और नोटबंदी तथा जीएसटी के कारण आए अस्थाई झटके रहे हैं।”

बता दें कि बुधवार को आरबीआई ने लंबे इंतजार के बाद नोटबंदी के आंकड़े जारी किए थे। जिससे पता चला कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए 99 फीसदी नोट आरबीआई में वापस आ चुके हैं। इस आंकडे से नोटबंदी के उद्देश्य और सफलता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।


अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad