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सार्वजनिक कंपनियों को निर्देश, 15 अक्टूबर तक वेंडर का बकाया भुगतान करें

सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों से कहा है कि वे वेंडर और कॉन्ट्रैक्टर का जो भी बकाया है, उसका भुगतान 15...
सार्वजनिक कंपनियों को निर्देश, 15 अक्टूबर तक वेंडर का बकाया भुगतान करें

सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों से कहा है कि वे वेंडर और कॉन्ट्रैक्टर का जो भी बकाया है, उसका भुगतान 15 अक्टूबर तक कर दें। सरकार का कहना है कि वेंडर और कॉन्ट्रैक्टर को बकाया पैसे मिलने पर वे भी आगे खर्च करेंगे। सार्वजनिक कंपनियों से भी खर्च बढ़ाने को कहा गया है। इसका मकसद अर्थव्यवस्था में गति लाना है। अप्रैल-जून 2019 की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ छह साल के निचले स्तर 5 फीसदी पर पहुंच गई थी।

सीतारमण ने सार्वजनिक कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 32 महारत्न और नवरत्न कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की। इसी बैठक में उन्हें बकाया भुगतान जल्दी करने का निर्देश दिया गया। कंपनियों से 15 अक्टूबर तक पोर्टल भी बनाने को कहा गया है, जहां वेंडर, कॉन्ट्रैक्टर और सर्विस प्रोवाइडर यह देख सकें कि उनका बिल या पेमेंट किस स्टेज में है। कंपनियों से आर्बिट्रेशन में फंसे वेंडर-कॉन्ट्रैक्टर के भुगतान के मामलों का ब्योरा देने को भी कहा गया है।

कंपनियों से अगली चार तिमाही में होने वाले खर्च का ब्योरा मांगा गया

वित्त मंत्री के अनुसार सरकारी कंपनियों से 15 अक्टूबर तक यह बताने को भी कहा गया है कि अगली चार तिमाही में वे कितना खर्च करेंगी। उनसे अगली दो तिमाही के दौरान खर्च बढ़ाने को कहा गया है। वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि 34 केंद्रीय सरकारी कंपनियों ने अगस्त 2019 तक 48,077 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। दिसंबर तक इन्होंने 50,159 करोड़ रुपये और खर्च करने की योजना दी है। इसके अलावा जनवरी-मार्च 2020 तिमाही में 54,700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू ने बताया कि 242 सरकारी कंपनियों की चार लाख करोड़ रुपये से अधिक पूंजीगत खर्च की योजना है।

हर साल 500 अरब डॉलर की सरकारी खरीद

जीडीपी में सरकारी खरीद की हिस्सेदारी 20 से 22 फीसदी होती है। देश की जीडीपी 2.7 लाख करोड़ रुपये की है। इस लिहाज से सरकारी कंपनियों की सालाना खरीद 500 अरब डॉलर के आसपास होती है।

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