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बढ़ती महंगाई के बीच महंगी दाल से अब मिलेगी राहत, सरकार ने मसूर की दाल से हटाया आयात शुल्क, सेस भी किया आधा

दालों की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को मसूर दाल पर आयात शुल्क घटा कर शून्य...
बढ़ती महंगाई के बीच महंगी दाल से अब मिलेगी राहत, सरकार ने मसूर की दाल से हटाया आयात शुल्क, सेस भी किया आधा

दालों की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को मसूर दाल पर आयात शुल्क घटा कर शून्य कर दिया। इसके अलावा दाल पर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस भी 20 से घटा कर 10 फीसदी किया गया है। इससे दाल की घरेलू सप्लाई भी बढ़ेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस आशय का नोटिफिकेशन संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किया। आयात शुल्क और सेस की घटी हुई दरें मंगलवार से लागू होंगी।

अमेरिका से आयातित दाल पर ड्यूटी 30 से घटा कर 20 फीसदी

वित्त मंत्री ने बताया कि अमेरिका के अलावा दूसरे देशों से आयात होने वाली मसूर दाल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से घटा कर शून्य की गई है। अमेरिका से आयात होने वाली मसूर दाल पर इसे 30 फीसदी से घटा कर 20 फीसदी किया गया है।

चार महीने में मसूर दाल के दाम 30 फीसदी बढ़े

हाल के महीनों में मसूर दाल के खुदरा दाम 30 फीसदी बढ़े हैं। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार 1 अप्रैल 2021 को इसकी कीमत 70 रुपये प्रति किलो थी। अब यह 100 रुपये किलो हो गई है। भारत अनाज एवं दाल एसोसिएशन (आइजीपीए) के उपाध्यक्ष बिमल कोठारी ने इसी महीने कहा था कि भारत को हर साल 2.5 करोड़ टन दालों की जरूरत पड़ती है। इस साल हमें दालों की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

देश में कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करने के लिए सरकार ने कुछ चीजों पर कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस लगाया है। इनमें पेट्रोल, डीजल, सोना और कुछ आयातित एग्री प्रोडक्ट शामिल हैं।

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