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व्यापारियों ने जताई दिवाली की बिक्री में 40 फीसदी कमी की आशंका

इस बार की दिवाली पर 40 प्रतिशत कम बिक्री होगी और इस बार यह व्यापारियों के लिए फीकी रहेगी। इस बात का...
व्यापारियों ने जताई दिवाली की बिक्री में 40 फीसदी कमी की आशंका

इस बार की दिवाली पर 40 प्रतिशत कम बिक्री होगी और इस बार यह व्यापारियों के लिए फीकी रहेगी। इस बात का खुलासा खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है। कैट ने एक बयान में कहा कि दिवाली में केवल 2 दिन बचे हैं और इस समय पर हर वर्ष खरीदारी अपनी उच्च सीमा पर होती है, लेकिन इस बार देशभर के बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है और यही वजह है कि दिवाली का त्योहारी माहौल बना ही नहीं है।

बाजारों में मंदी का माहौल

कैट के बयान में कहा गया है कि बाजारों में ग्राहकों का आना बेहद कम है, यह कारण है कि पिछले साल के मुकाबले लगभग बिक्री में 40 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया, क्योंकि उपभोक्ताओं की जेब में नकद की तंगी है और बाजारों में मंदी का माहौल है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता वही सामान खरीद रहे हैं जो बहुत जरुरी है और दिवाली त्योहार की खरीद से बच रहे हैं।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि लोगों ने बड़ी मात्रा में रियल एस्टेट और सोने में निवेश कर रखा है और इन दोनों क्षेत्रों में मंदी के कारण उनका पैसा फंस गया है। दूसरी तरफ व्यापारियों ने अपना पैसा शेयर में निवेश कर दिया है, जिसके कारण उनका पैसा वहां फंस गया है। उन्होंने कहा कि ई-वाणिज्य कंपनियों के सरकारी नीतियों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़ी मात्रा में छूट देकर सामान बेचने का भी बाजारों के व्यापार पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।

जीएसटी को लेकर उपजे भ्रम से बाजार में अफरा-तफरी का माहौल

जीएसटी से उपजे भ्रम ने बाजारों में अफरा-तफरी फैला रखी है और व्यापारी परेशान है। त्योहार से जुड़े अधिकांश सामान पर टैक्स की दर 28% होने के कारण उपभोक्ता इतना ज्यादा कर देना नहीं चाहता। बाजारों के माहौल को देखते हुए लगता ही नहीं की देश का इतना बड़ा त्योहार नजदीक है। यदि यही हाल रहा तो इस बार व्यापारियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।

ये क्षेत्र झेल रहे हैं मंदी की मार

टिकाऊ उपभोक्ता सामान, रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसोई का सामान, घड़ियां, गिफ्ट आइटम्स, मिठाइयां, मेवा, साज-सज्जा, परिधान और फर्नीचर इत्यादि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जो मंदी की सीधी मार झेल रहे है।

उल्लेखनीय है कि भारत में त्योहारी खरीद का मौसम पहले नवरात्र से शुरू होकर 14 दिसम्बर तक चलता है और फिर दोबारा 14 जनवरी से शुरू होकर अप्रैल तक चलता है और इसी बीच दिसंबर में क्रिसमस और नव वर्ष भी आता है।

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