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अब 40 लाख रुपये तक के टर्नओवर पर नहीं करना होगा जीएसटी रजिस्ट्रेशन, छोटे कारोबारियों को राहत

गुरुवार को दिल्ली में हुई गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 32वीं बैठक में छोटे...
अब 40 लाख रुपये तक के टर्नओवर पर नहीं करना होगा जीएसटी रजिस्ट्रेशन, छोटे कारोबारियों को राहत

गुरुवार को दिल्ली में हुई गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 32वीं बैठक में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। काउंसिल ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन से छूट के लिए सालाना टर्नओवर की लिमिट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये करने का फैसला लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कंपोजीशन स्कीम के लिए सालाना टर्नओवर की लिमिट भी 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी है। 

40 लाख रुपये के टर्नओवर पर जीएसटी

अभी 20 लाख रुपये तक टर्नओवर करने वाले कारोबारी जीएसटी के दायरे में आते हैं। अब 40 लाख टर्नओवर वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे। छोटे राज्यों में जो लिमिट 10 लाख थी वो लिमिट 20 लाख रुपये कर दी गई है। इस कारण कई छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे। इन छोटे कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन का झंझट नहीं रहेगा।

कंपोजीशन स्कीम की लिमिट 1.5 करोड़ रुपये

कंपोजीशन स्कीम के लिए सालाना टर्नओवर की लिमिट भी 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी है। अभी तक ये सीमा 1 करोड़ रुपए थी। यह 1 अप्रैल से लागू होगी। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने एसएमई (सूक्ष्म और लघु उद्योग) को वार्षिक रिटर्न फाइल करने की छूट दे दी है। इसका मतलब है 1 अप्रैल 2019 से इन कारोबारियों को साल में एक ही रिटर्न भरना होगा। इससे पहले हर तीसरे महीने रिटर्न भरना होता था। हालांकि इन छोटे कारोबारियों को हर तिमाही टैक्स भरना होगा। 

सर्विस सेक्टर को भी कंपोजीशन स्कीम का फायदा

इस बैठक में 50 लाख तक का कारोबार करने वाली सर्विस सेक्टर यूनिट को भी कंपोजिशन स्कीम के दायरे में लाया गया है।50 लाख रुपये तक टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर को कंपोजीशन स्कीम का फायदा मिलेगा। उन्हें सिर्फ 6% टैक्स देना होगा।

केरल में लागू होगा आपदा सेस

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केरल 2 साल तक अधिकतम 1% तक का आपदा सेस लगा सकेगा। पिछले साल आई बाढ़ से हुए नुकसान को देखते हुए यह प्रस्ताव दिया गया था।

रियल एस्टेट पर जीएसटी घटाने के प्रस्ताव पर मंत्री समूह विचार करेगा

रिएल एस्टेट सेक्टर के लिए जीएसटी दर घटाने पर सहमति नहीं बन पाई। अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव था। इस पर विचार करने के लिए 7 सदस्यीय मंत्री समूह का गठन किया जाएगा। इस मामले को काउंसिल की अगली बैठक में देखा जाएगा। इसी तरह लॉटरी के मुद्दे को भी मंत्रियों का समूह ही देखेगा। लॉटरी पर जीएसटी का मामला भी काउंसिल की अगली बैठक में होगा।

इससे पहले हुई बैठक में सस्ते हुए थे ये सामान

इससे पहले माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद ने 22 दिसंबर को हुई बैठक में 23 वस्तुओं और सेवाओं पर कर दर कम करने का फैसला किया था। इनमें सिनेमा टिकट, टेलीविजन और मानिटर स्क्रीन, पावर बैंक आदि शामिल थे।

रीयल एस्टेट में क्या है मौजूदा स्थिति

वर्तमान में रीयल एस्टेट संपत्तियों के उन खरीदारों पर जीएसटी नहीं लगता है, जिन्हें बिक्री के समय काम पूरा होने का प्रमाणपत्र मिल चुका है। वहीं, जिसे प्रोजेक्ट का काम पूरा होने का प्रमाण पत्र नहीं मिला है उसमें फ्लैट खरीदने पर खरीदार को 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकाना होता है।

पिछली बैठक के बाद जेटली ने अगली बैठक को लेकर ये कहा था

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की पिछली बैठक के बाद कहा था कि अगली बैठक में आवासीय संपत्तियों के लिए कर की दर को तर्कसंगत बनाने और एमएसएमई के लिए छूट सीमा को मौजूदा 20 लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक में निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर जीएसटी की दर घटाने का फैसला हो सकता है।

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