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यस बैंक के फाउंडर को अदालत ने 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा

मुंबई की विशेष अदालत ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत...
यस बैंक के फाउंडर को अदालत ने 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा

मुंबई की विशेष अदालत ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। उन्हें कल ईडी ने गिरफ्तार किया था और आज कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत रविवार तड़के गिरफ्तार किया था। उन पर कथित तौर पर पूछताछ में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया। 

अधिकारियों के मुताबिक, राणा कपूर को रविवार को तड़के 3 बजे गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, शनिवार सुबह कपूर को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर ले जाया गया था। वहां वे पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। कपूर की गिरफ्तारी से पहले ईडी कार्यालय में केंद्रीय एजेंसी द्वारा 20 घंटे तक पूछताछ की गई।

इससे पहले ईडी ने शुक्रवार की देर रात को उनके घर पर छापा मारा था। जांच एजेंसी की टीम ने मुंबई के समुद्र महल टॉवर स्थित कपूर के घर पर देर रात तक छानबीन की थी। बता  दं कि रिजर्व बैंक ने हालात को देखते हुए यस बैंक के खाताधारकों को 50 हजार रुपए तक ही निकालने की इजाजत दी है। साथ ही बैंक के बोर्ड का कंट्रोल 30 दिन के लिए अपने हाथ में ले लिया है।

इन आरोपों पर जांच की तलवार

सूत्रों के मुताबिक ईडी ने शुरुआती जांच में ये पता लगाया है कि यस बैंक ने डीएचएलएफ को लगभग 3 हजार करोड़ का बैड लोन दिया था। राणा कपूर और डीएचएलएफ के बीच संबंध का पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है। आरोप है कि कर्ज के बदले में कपूर की पत्नी के खातों में कथित तौर पर रिश्वत की रकम भेजी गई थी। एजेंसी अन्य कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है। डीएचएफएल द्वारा एक कंपनी को 600 करोड़ रुपये का ऋण देना भी ईडी की जांच के दायरे में है। कपूर के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गयी है। केंद्रीय जांच एजेंसी कुछ कारपोरेट संस्थाओं को दिए गए ऋण और कथित रूप से रिश्वत के रूप में कुछ धनराशि कपूर की पत्नी के खातों में जमा किये जाने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच भी कर रही है।

तीनों बेटियों के घर पर ईडी के छापे

राणा कपूर के घर से शुक्रवार रात शुरू हुई प्रवर्तन निदेशालय की जांच शनिवार को उसकी बेटियों एवं परिवार के अन्य सदस्यों तक पहुंच गई। राणा कपूर को भी आज प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में बुलाकर घंटों पूछताछ की गई। प्रवर्तन निदेशालय शुक्रवार रात राणा कपूर के वरली स्थित आवास पर जाकर उससे पूछताछ की थी, जबकि आज उसे बेलार्ड पियर्स स्थित ईडी कार्यालय बुलाकर पूछताछ की गई और जांच का दायरा बढ़ाते हुए उसकी तीन बेटियों राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर एवं राधा कपूर के घर पर भी छापेमारी की गई एवं उनसे पूछताछ भी की गई।

डीएचएफएल से जुड़ा है मामला

राणा कपूर के खिलाफ मामला घोटाले में फंसे डीएचएफएल से जुड़ा है। यस बैंक ने इस कंपनी को कर्ज दिया था, जो एनपीए हो गया। उनके खिलाफ मनीलॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की जा रही है। जांच एजेंसी कुछ कंपनियों को लोन देने में भी राणा की भूमिका की जांच कर रही है। आरोप है कि इस लोन के बदले रिश्वत की रकम उनकी पत्नी के खाते में जमा कराई गई। एक अधिकारी ने बताया कि तलाशी में कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। एजेंसी डीएचएफएल के प्रमोटरों और अन्य कंपनियों के साथ राणा कपूर के संबंधों का पता लगाना चाहती है। डीएचएफएल पर 80 शेल कंपनियों और एक लाख फर्जी ग्राहकों के जरिए लगभग 12,500 करोड़ रुपये का घपला करने का आरोप है। यह मामला 2015 का है। डीएचएफएल की जांच में पता चला कि कंपनी ने जिस पैसे की हेराफेरी की, वह पैसा यस बैंक से निकला था। आरोप है कि राणा कपूर ने यस बैंक के जरिए मनमाने तरीके से मोटे लोन बांटे। लोन देने और उसे वसूल करने की प्रक्रिया अपने हिसाब से तय की। ये लोन राणा कपूर ने अपने निजी संबंधों के आधार पर दिए।

राणा कपूर ने 2004 में शुरू किया था यस बैंक

यस बैंक को साल 2004 में राणा कपूर और अशोक कपूर ने शुरू किया था, जिन्हें उस दौर में दिग्गज प्रोफेशनल माना जाता था। राणा कपूर ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ने के बाद न्यूजर्सी के रटगर्स यूनिवर्स‍िटी से एमबीए किया था। उन्होंने 16 साल तक बैंक ऑफ अमेरिका में नौकरी की थी। यस बैंक के संकट में फंसने के बाद इसका संचालन रिजर्व बैंक ने अपने हाथों में ले लिया है। इसने खाताधारकों के लिए महीने में 50 हजार रुपये तक की निकासी की सीमा तय कर दी है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि यस बैंक में क्या गलत हुआ और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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