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आइडिया निदेशक मंडल ने वोडाफोन इंडिया के साथ विलय को मंजूरी दी

आइडिया सेल्यूलर ने आज वोडाफोन इंडिया और वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज के साथ मिलकर देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी बनाने को मंजूरी दे दी। दोनों के मिलने से जो नई कंपनी बनेगी उसके ग्राहकों की संख्या 39.40 करोड़ तक होगी।
आइडिया निदेशक मंडल ने वोडाफोन इंडिया के साथ विलय को मंजूरी दी

आइडिया सेल्यूलर निदेशक मंडल की आज दिल्ली में हुई बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। आइडिया ने नियामकीय जानकारी में कहा है, कंपनी ने वोडफोन इंडिया लिमिटेड (वीआईएल) और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी वोडाफोन मोबाइल सर्विसिज लिमिटेड (वीएमएसएल) के साथ एकीकरण को मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित विलय संबंधित प्राधिकरणों से जरूरी मंजूरी मिलने के बाद आगे बढ़ेगा। इसके लिए सेबी, दूरसंचार विभाग और रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी।

नियामक को भेजी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनियों के एकीकरण के बाद वाआईएल के इंडस टावर्स लिमिटेड में किए गए निवेश को छोड़कर वीआईएल और वीएमएसएल का पूरा कारोबार, इसकी अंतरराष्टीय नेटवर्क संपत्ति और सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म सभी नई कंपनी के तहत आ जाएगी।

दोनों कंपनियों के प्रमुखों ने बताया कि वोडाफोन, आइडिया की विलय के बाद बनने वाली कंपनी में बराबर-बराबर हिस्सेदारी होगी। विलय के बाद बनने वाली कंपनी के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला होंगे जबकि वोडाफोन इसमें सीएफओ नियुक्त करेगी।

गौरतलब है कि वोडाफोन इंडिया का कुल कारोबार 5,025 करोड़ रुपये और वीएमएसएल का 40,378 करोड़ रुपये है। आइडिया सेल्यूलर का कारोबार 36 हजार करोड़ रुपये है। जबकि वीआईएल की नेटवर्थ 12,855 करोड़ रुपये, वीएमएसएल की 3,737 करोड़ रुपये और आइडिया सेल्यूलर की 24,296 करोड़ रुपये है।

वोडाफोन सीईओ विटोरियो कोलाओ ने कहा कि विलय से 10 अरब डॉलर की संभावित पूंजी एक साथ आएगी। उन्होंने कहा कि इस विलय का सरकार के साथ चल रहे कर विवाद पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोलाओ ने कहा कि विलय के बाद भी वोडाफोन और आइडिया ब्रांड दोनों ही अलग अलग चलते रहेंगे, क्योंकि दोनों ही काफी मजबूत ब्रांड हैं।

वहीं, विलय के बाद बनने वाली कंपनी के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि वोडाफोन की 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी (3,874 करोड़ रुपये) खरीदने के लिए धन आइडिया से नहीं बल्कि प्रवर्तकों से आएगा।  बिड़ला ने विलय के बाद आइडिया का आकार घटने को खारिज करते हुए कहा कि विलय के बाद बनने वाली कंपनी पर दिसंबर 2016 की स्थिति के अनुसार ।,070 अरब रुपये का शुद्ध कर्ज होगा। भाषा

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