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अनुच्छेद 370 हटते ही कश्मीर में औद्योगिक क्रांति की संभावना, स्टीलबर्ड लगाएगी इकाई

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस समूचे उत्तरी क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति आने की पूरी...
अनुच्छेद 370 हटते ही कश्मीर में औद्योगिक क्रांति की संभावना, स्टीलबर्ड लगाएगी इकाई

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस समूचे उत्तरी क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति आने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है। उद्योग लगने से न सिर्फ जम्मू कश्मीर का विकास होगा बल्कि युवाओं को रोजगार और कामकाज के अवसर मिलेंगे। 370 हटने की घोषणा के दूसरे दिन ही एशिया की सबसे बड़ी हेल्मेट निर्माता कंपनी स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया ने जम्मू कश्मीर में इकाई लगाने की पेशकश की है।

घाटी में औद्योगिक क्रांति की उम्मीद

कंपनी ने एक बयान जारी करके अनुच्छेद 370 हटाने के सरकार के फैसले का न सिर्फ स्वागत किया बल्कि इकाई लगाने की भी इच्छा जताई। उसने कहा कि इससे कश्मीर घाटी में नई औद्योगिक क्रांति आएगी और स्थानीय नागरिकों को रोजगार मिल सकेंगे।

कश्मीर विकास की मुख्यधारा में शामिल

स्टीलबर्ड हेल्टमेट्स के चेयरमैन सुभाष कपूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 370 हटाने का फैसला बहुप्रतीक्षित था। इस शानदार कदम से कश्मीर घाटी भारत की मुख्यधारा से जुड़ गई है और वह देश की आर्थिक विकास का हिस्सा बन गई है।

राज्य में अभी सिर्फ पारंपरिक निर्माण गतिविधियां

अभी राज्य में मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियां कृषि और हैंडीक्राफ्ट में उसकी पारंपरिक क्षमता के आधार संचालित होती हैं और इन्हीं तक सीमित हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कपूर ने कहा कि हमारा मानना है कि सरकार की पहल के बाद कंपनियां राज्य में उपयुक्त माहौल बनाने के लिए स्थानीय कंपनियों के साथ समझौते करेंगी। हम उम्मीद करते हैं कि इस कदम से राज्य को बड़े अवसर मिलेंगे।

कंपनी नया निवेश कश्मीर में लाने की इच्छुक

उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में उत्पादन इकाई लगाने के लिए योजना अगले अक्टूबर में होने वाली इन्वेस्टर समिट में पेश करने की योजना बना रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार की पहल के बाद हम घाटी में भी दूसरे राज्यों में लागू नियमों के अनुसार कारोबार कर सकेंगे। स्टीलबर्ड हिमाचल प्रदेश के बद्दी में 150 करोड़ रुपये पहले ही निवेश कर चुकी है। अब वह अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 44,500 हेल्मट प्रति करने की योजना बना रही है। इसी क्रम में वह घाटी में प्लांट लगाने की इच्छुक है।

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