Advertisement

‘जीएसटी परिषद केंद्र और राज्यों का संतुलित मेलजोल ’

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित चार विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा, इन चारों विधेयकों को एक साथ इसलिए पेश किया जा रहा है, क्योंकि विधेयकों की विषय-वस्तु एक जैसी ही है।
‘जीएसटी परिषद केंद्र और राज्यों का संतुलित मेलजोल ’

जेटली ने कहा, ‘अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत संविधान संशोधन से पहले केंद्र के पास कुछ करों को लागू करने का अधिकार था। एकीकृत कर प्रणाली पर लंबे समय से चर्चा होती रही है, जिसके तहत राज्य और केंद्र सरकार संग्रहित कर को साझा करेंगे’।

 

वित्तमंत्री ने कहा,  जीएसटी परिषद पहला संघीय संस्थान है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह संघीय संस्था काम करे। इसमें केंद्र और राज्यों का संतुलित मेलजोल है, जबकि हम परिषद को सुझाव देने के लिए मुक्त हैं। एक ही समय पर हमें संघीय ढांचे को सम्मान देने की भी जरूरत है।

 

गौरततलब है कि जीएसटी को एक जुलाई से देशभर में लागू किया जाना है। इसके पंजीकरण, भुगतान, रिटर्न्‍स और इनवॉयस रिफंड से संबंधित नियमों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाकी नियमों पर 31 मार्च को जीएसटी परिषद में चर्चा होगी।

 

जेटली ने कहा कि आगामी माह से कमोडिटीज की कर दरें तय की जाएंगी। आवश्यक खाद्य सामानों पर शून्य फीसदी कर दर तय होगी। इसके अलावा करों की चार दरें हैं, जिसमें पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी दरें हैं। उन्होंने कहा कि विलासिता की वस्तुओं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले उत्पादों पर लगभग एक जैसे प्रभावकारी कराधान तय किए जाएंगे।

 

जेटली ने कहा, यदि आपके लग्जरी वाहन पर 40 फीसदी कराधान और सिगरेट पर 65 फीसदी कराधान लगता है तो उन्हें 28 फीसदी की कर दरों में रखा जाएगा और राज्यों का राजस्व घटने की भरपाई के हर्जाने के तौर पर उपकर (सेस) लगाया जाएगा । उन्होंने कहा कि केंद्रीय जीएसटी विधेयक 2017 कर वसूली, केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर सामानों, सेवाओं या दोनों पर कर संग्रह की व्यवस्था करेगा।

 

जेटली ने इसके अलावा समेकित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 को भी सदन में पेश किया, जिससे राज्य के भीतर आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान होगा। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक भी पेश किया, जिसके तहत जीएसटी लागू होने पर राज्यों के राजस्व घाटे पर मुआवजा दिया जाएगा।

 

इसके साथ ही केंद्रीय प्रशासित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 भी पेश किया गया, जिसमें केंद्र प्रशासित क्षेत्र में सामानों, सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad