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5 फीसदी से भी नीचे आ सकती है GDP ग्रोथ रेट, ये आंकड़े देंगे मोदी सरकार को झटका

सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबरों का आना रुक नहीं रहा है। आठ प्रमुख उद्योगों...
5 फीसदी से भी नीचे आ सकती है GDP ग्रोथ रेट, ये आंकड़े देंगे मोदी सरकार को झटका

सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबरों का आना रुक नहीं रहा है। आठ प्रमुख उद्योगों का प्रदर्शन 14 साल में सबसे खराब रहा है, बेरोजगारी तीन साल में सबसे ज्यादा है और मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई दो साल में सबसे कम रह गया है। इन सबका मिला-जुला असर है कि अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 5.29 फीसदी घट गया। जीएसटी कलेक्शन लगातार तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये से कम रहा है। सरकार का राजस्व संग्रह कम होने के कारण राजकोषीय घाटा पहले छह महीने में ही पूरे साल के 93 फीसदी पर पहुंच गया है। पहली तिमाही, यानी अप्रैल-जून के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट छह साल में सबसे कम 5 फीसदी पर आ गई थी। मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए यह आशंका बनने लगी है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी से भी नीचे आ सकती है।

कोर सेक्टर का प्रदर्शन 14 साल में सबसे खराब

गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में कोर सेक्टर का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 5.2 फीसदी घट गया। यह इसका 14 साल में सबसे खराब प्रदर्शन है। कोर सेक्टर में आठ प्रमुख इंडस्ट्री सेक्टर आते हैं। इनमें फर्टिलाइजर को छोड़कर बाकी सबमें गिरावट दर्ज की गई है। औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स (आईआईपी) में कोर सेक्टर की हिस्सेदारी 40 फीसदी होती है। अगस्त में 1.1 फीसदी गिरावट के साथ आईआईपी का प्रदर्शन पहले ही सात साल में सबसे खराब रहा था। अब यह और नीचे जा सकता है।

मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई दो साल में सबसे नीचे

जब प्रमुख उद्योग सेक्टर का प्रदर्शन खराब हो तो मैन्युफैक्चरिंग कैसे अच्छी हो सकती है। शुक्रवार को जारी आईएचएस मार्किट इंडिया के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50.6 दर्ज हुई। यह दो साल में सबसे कम है। सितंबर में पीएमआई 51.4 फीसदी दर्ज हुई थी। पीएमआई सर्वे 400 से ज्यादा कंपनियों के परेचज मैनेजरों से बातचीत के आधार पर तैयार किया जाता है। सर्वे में शामिल ज्यादातर मैनेजरों ने कहा कि अगले एक साल में उन्हें स्थिति में ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं है। नए ऑर्डर कम मिलने के कारण नई नौकरियां भी छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गईं।

बेरोजगारी दर तीन साल में सबसे ज्यादा

नौकरियों की खराब हालत सिर्फ पीएमआई सर्वे से ही नहीं झलकती, शुक्रवार को ही सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक अक्टूबर में बेरोजगारी दर 8.5 फीसदी पर पहुंच गई। यह अगस्त 2016 के बाद सबसे ज्यादा है। सितंबर में बेरोजागारी दर 7.2 फीसदी थी। सीएमआईई को थिंक टैंक के तौर पर माना जाता है।

लगातार तीसरे महीने जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से कम

आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का जीएसटी कलेक्शन भी कम रहा है। त्योहारी महीना होने के बावजूद अक्टूबर में जीएसटी से सरकारी खजाने में 95,380 करोड़ रुपये आये, जो अक्टूबर 2018 के 1,00,710 करोड़ की तुलना में 5.29 फीसदी कम है। सितंबर में जीएसटी से 91,916 करोड़ रुपये आए थे, यह 19 महीने में सबसे कम था। अगस्त में यह 98,202 करोड़ रुपये था।

 

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