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बार्कलेज का अनुमान- लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ने से 2020 में आर्थिक विकास दर शून्य

देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने से 234.4 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है और चालू...
बार्कलेज का अनुमान- लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ने से 2020 में आर्थिक विकास दर शून्य

देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने से 234.4 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है और चालू वर्ष 2020 में जीडीपी की रफ्तार थम सकती है। यह अनुमान ब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने जताया है।

चालू वित्त वर्ष में रफ्तार 0.8 फीसदी रहेगी

बार्कलेज ने का है कि चालू वर्ष 2020 में आर्थिक विकास दर शून्य रह सकता है। अगर वित्त वर्ष की बात करें तो 2020-21 के दौरान विकास दर गिरकर महज 0.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि तीन सप्ताह के लिए यानी तीन मई तक के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। हालांकि उन्होंने देश के अप्रभावित क्षेत्रों में लॉकडाउन से कुछ छूट देने के संकेत दिए हैं। लेकिन छूट के बावजूद कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

आर्थिक नुकसान पिछले अनुमान से भी ज्यादा

ब्रोकरेज फर्म ने पहले कहा था कि लॉकडाउन की अवधि तीन सप्ताह और बढ़ाने से 120 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा। लेकिन अब उसने नुकसान का अनुमान बढ़ाकर 234.4 अरब डॉलर कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने चालू वर्ष 2020 में 2.5 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था लेकिन अब विकास दर शून्य रहने का अनुमान लगाया है। इसी तरह चालू वित्त वर्ष के दौरान विकास दर अनुमान 3.5 फीसदी से घटाकर 0.8 फीसदी कर दिया गया है।

प्रतिबंधों से इतने नुकसान का अनुमान नहीं था

बार्कलेज के अनुसार भारत ने कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक के लिए बढ़ाई है। इसके कारण आर्थिक मोर्चे पर हालात हमारे पिछले अनुमान से भी ज्यादा खराब होंगे। भारत में अभी भी कोरोना वायरस का संक्रमण आधिकारिक रूप से कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज पर नहीं पहुंचा है। लेकिन आवागमन पर लगाए गए प्रतिबंधों से आर्थिक नुकसान अनुमान से कहीं ज्यादा हो रहा है।

संक्रमण फैलने पर पाबंदियां बनी रहीं तो और ज्यादा क्षति

बार्कलेज की रिपोर्ट के अनुसार अनिवार्य सेक्टर जैसे माइनिंग, कृषि, विनिर्माण और यूटीलिटी में प्रतिबंधों का नकारात्मक प्रभाव खासतौर पर अनुमान से बहुत ज्यादा है। नुकसान का अनुमान यह मानकर लगाया गया है कि लॉकडाउन जून के शुरुआत तक खत्म हो जाएगा और इसके बाद गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी और विभिन्न क्षेत्रों में स्टॉक जुटना शुरू होगा। ब्रोकरेज फर्म ने चेताया है कि स्थानीय क्षेत्रो में कोविड-19 का संक्रमण फैलता रहता है और इसके कारण पाबंदियां लगती रहती हैं तो आर्थिक रिकवरी में बाधाएं आती रहेंगी।

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