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आम बजटः रेलवे में निजी कंपनियों की बढ़ेगी भागीदारी, 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए...
आम बजटः रेलवे में निजी कंपनियों की बढ़ेगी भागीदारी, 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए सार्वजनिक-निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि 2018-2030 के बीच रेलवे की इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। इसे देखते हुए रेलवे का पूंजी परिव्यय सालाना 1.5 से 1.6 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। उन्होने कहा कि सभी मंजूर परियोजनाएं पूरी करने में कई दशक लग जाएंगे। इसलिए यह प्रस्ताव किया जाता है कि पटरियां बिछाने, रेलिंग स्टाफ विनिर्माण तथा यात्री मालभाड़ा सेवाओं की डिलिवरी के लिए सार्वजनिक-निजी क्षेत्र की भागीदारी के आधार पर काम किया जाएगा।

बजट में रेलवे के लिए 65,837 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि सालाना परिव्यय 1.60 लाख किया गया है। पिछली बार सालाना परिव्यय 1.48 लाख करोड़ रुपये था, जबकि बजटीय आवंटन 55,088 करोड़ रुपये था।

नई लाइनों के निर्माण के लिए 7,255 करोड़ रुपये

बजट में नई रेलवे लाइनों के निर्माण के लिए 7,255 करोड़ रुपये, गेज लाइन में बदलने के लिए 2,200 करोड़ रुपये, दोहरीकरण के लिए 700 करोड़ रुपये, रॉलिंग स्टॉक के लिए 6,114.82 करोड़ रुपये और सिगनलिंग तथा टेलीकॉम के लिए 1,750 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि स्पेशल पर्पस वीकल्स (एसपीवी) के जरिए उपनगरीय इलाकों में रेलवे में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा और पीपीपी के जरिए मेट्रो रेल नेटवर्क को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का काम भी इस साल शुरू किया जाएगा। बजट में 267.64 करोड़ रुपये निर्भया फंड के लिए भी आवंटित किया गया है, जिसमें इंटिग्रेटेड इमर्जेंसी रेस्पॉन्स मैनेजमेंट सिस्टम के लिए 250 करोड़ रुपये शामिल है। इसके अलावा कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड 17.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

हालांकि, रेलवे के लिए सबसे बड़ी चिंता इसकी राजस्व लागत है, जिसमें अनुमानित सैलरी भुगतान ही 86,554 करोड़ रुपये है। जो कि पिछले साल की तुलना में 14,000 करोड़ रुपये अधिक है।

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