नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से होने जा रही है। इसके साथ ही कॉर्पोरेट क्षेत्र में कई बदलाव होने की संभानाएं हैं। इसमें काम करने के घंटे और कर्मचारियों के वेतन ढ़ाचे में कई प्रकार के बदलाव किए गए हैं। जिसके लिए केंद्र सरकार ने एक ऐसी योजना बनाई है जिसमें संस्थानों में सप्ताह में चार दिन काम करने के साथ दैनिक कार्य के समय में 9 घंटों को बढ़ाकर 12 घंटे कर सकती है।
एक अन्य बदलाव में, सरकार ग्रेच्युटी और भविष्य निधि में वृद्धि करके एक कर्मचारी के टेक होम सैलरी को कम कर सकती है।
गौरतलब है कि बीते साल संसद में मजदूरी संहिता विधेयक पारित किए गए थे। इस कानून को अब 1 अप्रैल से लागू किया जा सकता है। इसका असर कर्मचारियों और नियोक्ता सभी पर होगा।
इन कानूनों में किए गए बदलाव
-हर पांच घंटे के काम के बाद 30 मिनट का ब्रेक अनिवार्य होगा।
-पांच घंटे से अधिक समय तक लगातार काम करना प्रतिबंधित है।
-15 मिनट से अधिक काम ओवरटाइम के रूप में योग्य होगा। वर्तमान में काम के घंटों के बाद 30 मिनट से कम काम को ओवरटाइम नहीं माना जाता है।
-ग्रेच्युटी और भविष्य निधि से सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली राशि में वृद्धि होगी।
-केंद्र सरकार का दावा है कि नए कानूनों से दोनों कर्मचारियों के साथ-साथ किसी भी कार्यशील संस्थान में नियोक्ता को लाभ होगा।