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अगले दशक के भारत निर्माण के लिए गोयल ने पेश किए दस विजन

अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि अगले पांच साल में भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था...
अगले दशक के भारत निर्माण के लिए गोयल ने पेश किए दस विजन

अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि अगले पांच साल में भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा। इसके बाद अगले आठ साल में दस ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उन्होंने उम्मीद जताई। इसके लिए अंतरिम बजट में उन्होंने दस आयामों वाला अगले दशक का विजन प्रस्तुत किया। गोयल ने कहा कि इसका मकसद गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षता मुक्त देश का निर्माण करना है। एक ऐसा पारदर्शी समाज बनाना है जो आधुनिक, टेक्नोलॉजी से लैस और तेज गति से विकास कर रहा हो। आइए जानते हैं, अगले दशक के लिए क्या हैं सरकार के विजन,

-दस ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना। सड़क, रेल, बंदरगाह, हवाई अड्डे, शहरी परिवहन, गैस, बिजली के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना। हर परिवार को घर उपलब्ध कराना और सभी के रहने के लिए स्वच्छ तथा स्वास्थ्यवर्द्धक माहौल बनाना।

-डिजिटल भारत का निर्माण। अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र और देश के कोने-कोने तक तकनीक को पहुंचाना। स्टार्टअप के जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करना।

-प्रदूषण मुक्त देश बनाना। नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों पर निर्भरता। आयात कम करना।

-डिजिटल प्रौद्योगिकी की मदद से ग्रामीण क्षेत्र में औद्योगीकरण का विस्तार। मेक इन इंडिया के तहत क्लस्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण जिसमें लघु और कुटीर उद्योग, ग्राम उद्योग और स्टार्टअप शामिल होंगे। ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, चिकित्सा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में हब बनना।

-स्वच्छ नदियां। सबको पीने का साफ पानी और सिंचाई के लिए पानी।

-तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने के लिए ‘ब्लू इकोनॉमी’ पर जोर। नए आंतरिक जलमार्ग का विकास। सागरमाला कार्यक्रमों में लाई जाएगी तेजी।

-अनंत आकाश। भारत दुनिया के उपग्रहों को छोड़ने के लिए लांच पैड बन चुका है। 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना।

-खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनना। जैविक तरीके से सर्वाधिक खाद्यान्न पैदा करने वाला देश बनना। खाद्यान्न का निर्यात बढ़ाना। खाद्य प्रसंस्करण और कोल्ड स्टोरेज पर विशेष ध्यान।

-सबके लिए समावेशी स्वास्थ्य सेवा। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण।

-मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिम गर्वनेंस सुनिश्चित करना। अधिकारियों में जनता के प्रति संवेदनशीलता और जवाबदेही बढ़ाना।     

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