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निर्मला सीतारमण ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2 पन्ने पढ़े बिना दिया 2 घंटे 40 मिनट का बजट भाषण

मोदी सरकार 2.0 की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज ( 1 फरवरी 2020) को संसद में बजट 2020 पेश किया। उन्होंने 2 घंटे...
निर्मला सीतारमण ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2 पन्ने पढ़े बिना दिया 2 घंटे 40 मिनट का बजट भाषण

मोदी सरकार 2.0 की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज ( 1 फरवरी 2020) को संसद में बजट 2020 पेश किया। उन्होंने 2 घंटे 40 मिनट का बजट भाषण देकर अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। तबीयत बिगड़ने के कारण वित्त मंत्री 2 पन्ने नहीं पढ़ पाईं। बता दें कि निर्मला सीतारमण ने 2019 लोकसभा चुनाव के बाद बजट पेश करते हुए करीब 2 घंटे 17 मिनट बोलीं थी।

इससे पहले साल 2003 में वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिंन्हा ने 2 घंटे 14 मिनट का लंबा भाषण दिया था। वहीं, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने बजट 2014 में 2 घंटे 10 मिनट का चौथा सबसे लंबा भाषण दिया था।

सबसे छोटा बजट भाषण

1951 से 2019 तक 51 बार बजट पेश किए गए है। वहीं, आपातकाल के बाद 1977 में अंतरिम बजट को पेश करते हुए हिरूभाई एम पटेल ने 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था। जबकि, पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में सबसे ज्यादा शब्दों (18,650 शब्द) वाला बजट पेश किया था। इसके अलावा अरुण जेटली की 2018 की बजट भाषण में 18,604 शब्द थे।

जन्मदिन पर बजट किया था पेश

सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश करने के साथ देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने दो बजट अपने जन्मदिन पर पेश किया था। उनके बाद पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने 9 बार बजट पेश किए हैं।

तीन प्रधानमंत्री ने पेश किए बजट

जवाहरलाल लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में बजट पेश किया था। 1970 में इंदिरा गांधी बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री बनीं थी।

‘ब्लैक बजट’ के नाम से जाना जाता है

1973-74 बजट को ‘ब्लैक बजट’ के नाम से जाना जाता है। क्योंकि, इस बजट डेफिसिट 550 करोड़ था। यशवंतराव ब चव्हाण ने इस बजट को सदन में पेश किया था। इसके बाद पी. चिदंबरम द्वारा प्रस्तुत 1997-98 के बजट को 'ड्रीम बजट' कहा गया क्योंकि इस में प्रमुख सुधारों के लिए रोड मैप तय किया गया था, जिसमें व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट टैक्स को कम करना शामिल था।

शाम में बजट पेश

साल 2000 तक बजट फरवरी महीने के अंतिम कार्य दिवस के दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था। लेकिन 2001 में वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने इस समय को 11 बजे कर दिया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेलवे और यूनियन बजट को विलय कर 2017 के बाद से पेश किया जा रहा है।

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