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समीक्षा : कॉमेडी-राजनीति का तड़का ‘रांची डायरीज’

छोटे शहरों की कहानियों की कड़ी में इस बार पेश है, रांची डायरीज। रांची की रहने वाली गुड़िया (सौंदर्य) को...
समीक्षा : कॉमेडी-राजनीति का तड़का ‘रांची डायरीज’

छोटे शहरों की कहानियों की कड़ी में इस बार पेश है, रांची डायरीज। रांची की रहने वाली गुड़िया (सौंदर्य) को गाना गाने का शौक है और उसे भी फेमस होने का शौक है। लेकिन यह सब इतना आसान नहीं होता। मनीष (हिमांश कोहली) और पिंकू (ताहा शाह) की तिकड़की कुछ मजेदार सा करेगी इसका भरोसा जमता है लेकिन सही स्क्रीनप्ले के अभाव में सारा मामला गड़बड़ा जाता है। इससे पहले निर्देशक सात्विक मोहंती माय फ्रेंड पिंटो और मेरठिया गैंगस्टर्स फिल्मों में अस्सिटेंट डायरेक्टर रह चुके हैं। इस फिल्म के लेखक और निर्देशक दोनों वही हैं। कहानी अच्छी होने के बाद भी वह दर्शकों को बांध नहीं पाए हैं। फिल्म में अभिनय के लिहाज से कई बार सौंदर्य ठाकुर भैया (अनुपम खेर) पर भी भारी पड़ती दिखाई पड़ती हैं।

ठाकुर भैया के माध्यम से सात्विक ने कहानी में कई उतार-चढ़ाव लाने की कोशिश की है। बैंक लूटने का प्लान भी इसी का हिस्सा है। लेकिन दर्शक फिर भी नहीं जुड़ पाते। फिल्म का प्लॉट तो अच्छा है लेकिन कहानी बहुत ही कमजोर है। यह एक पॉलिटिकल सटायर है जिस पर सात्विक को और काम करना था। आजकल वैसे भी नेता सभी के निशाने पर रहते हैं। इस वजह से फिल्म पर यदि थोड़ा काम किया जाता तो इसके हिट होने की संभावनाएं बढ़ जातीं। कम बजट की हल्की-फुल्की फिल्म को एक बार देख लेने में वैसे तो कोई परेशानी नहीं है। वैसे अगले हफ्ते आमिर खान की फिल्म भी इसी तरह के विषय पर है। एक लड़की जो गायक होना चाहती है, लेकिन हो नहीं पाती।

आउटलुक रेटिंग दो स्टार

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