Advertisement

धनलक्ष्मी का ‘कथक क्वीन’ से सितारा देवी तक का सफर

बनारस घराने की मशहूर कथक डांसर धनलक्ष्मी यानी सितारा देवी यदि जीवित होतीं तो आज अपना 97वां जन्मदिन...
धनलक्ष्मी का ‘कथक क्वीन’ से सितारा देवी तक का सफर

बनारस घराने की मशहूर कथक डांसर धनलक्ष्मी यानी सितारा देवी यदि जीवित होतीं तो आज अपना 97वां जन्मदिन धूमधाम से मना रही होतीं। जैसा उन्होंने अपना नाम रखा उसी के अनुरूप वह कथक की दुनिया में सितारा बन कर छाई रहीं।

सितारा देवी का जन्म धनतेरस को होने की वजह से उनके माता-पिता ने उनका नाम धनलक्ष्मी रखा था। लेकिन जब 1935 में उन्हें ‘वसंत सेना’ फिल्म में काम करने का अवसर मिला तो उनका नाम धनलक्ष्मी से बदल कर सितारा देवी कर दिया गया। ‘वसंत सेना’ के बाद उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया और ख्याति हासिल की। 

सितारा देवी का बचपन बनारस के कबीर चौरा में बीता। लेकिन जल्द ही वह मुंबई चली गईं। देश विदेश में बनारस घराने का नाम पहुंचाने का श्रेय उन्हें ही जाता है। 16 साल की उम्र में ही उन्हें अपनी प्रतिभा के बल पर कलकत्ता के शांति निकेतन में रवीन्द्रनाथ ठाकुर के सामने कथक दिखाने का सौभाग्य मिल गया था। उनकी प्रतिभा देख कर गुरुदेव ने उन्हें ‘कथक क्वीन’ की उपाधि दी थी।

25 नवंबर 2014 को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। आज इन्ही सितारा देवी के जन्मदिन पर गूगल सर्च इंजन पर डूडल भी बनाया गया है। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad