नागपुर में कवयित्री-कलाकार दीप्ति कुशवाह की दो दिवसीय पोस्टर प्रदर्शनी, आयोजित की गई। तस्वीरें बोलती हैं शीर्षक से अखबार और पत्रकारिता से जुड़ी सूचनाओं, रोचक प्रसंगों, सूक्तियों, शायरी और कविताओं को प्रस्तुत करते, कोलाज शैली में बने लगभग 50 पोस्टर दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे।
उत्तर प्रदेश में देवा शरीफ, राजस्थान में रामदेवरा और असम में पोवा मक्का के बीच क्या समानता है? भले ही इन स्थानों के बारे में बहुत अधिक लोग न जानते हों लेकिन सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोग सदियों से शांति, सहिष्णुता और सौहार्द के प्रतीक इन स्थानों पर बार बार जाते रहे हैं।
अक्सर सुनने को मिलता है कि लॉ की पढ़ाई बोझिल है। अमूमन कानून की पढ़ाई से छात्र दूर रहने का मन करते हैं। मेट्रोपोलिटन एजुकेशन में मेक माय चॉयस पर आयोजित गोष्ठी में कानून की पढ़ाई के महत्व पर विशेषज्ञों ने जो बेहतर और ज्ञानवर्धक जानकारी दी है, वह छात्रों को इस विषय की ओर अवश्य आकर्षित करेगी।
अमेरिका के प्रसिद्ध लिंकन सेंटर में हर साल आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित संगीत महोत्सव में इस वर्ष दक्षिण भारत की कला और संस्कृति आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगी।
बुडापेस्ट में पहली बार भारतीय दूतावास 17-19 जून तक हंगरी के 9 शहर और 25-26 जून को बोस्निया और हरजेगोविना के 3 शहरों में गंगा-डेन्यूब सांस्कृतिक उत्सव और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। इस संबंध में एक वीडियो भी यूट्यूब पर डाला गया है जिसे पिछले हफ्ते से अब तक हजारों लोग देख चुके हैं।
जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव के बीच इंसान कई बार आत्म मूल्यांकन के दौर से गुजरता है। इस मूल्यांकन में ‘आत्म’ के साथ जीवन की अनेक परिस्थितियों, घटनाओं के साथ चलती कई जिंदगियों और उनसे जुड़े मनुष्यों की परख भी होती है। इस पूरी प्रक्रिया में अतीत से वर्तमान और वर्तमान से अतीत के रास्ते की आवाजाही शामिल होती है। आवाजाही का यह सिलसिला बदले हुए समय के अनेक परिवर्तनों का आधार बनता है।
अमृता शेरगिल की एक बेनाम पेंटिंग सेफ्रनआर्ट ऑनलाइन नीलामी में 4.75 करोड़ रुपये (7,20,000 डॉलर) में बिकी। नीलामी में कुल 20.65 करोड़ की बिक्री हुई। बिक्री से पहले शेरगिल की इस पेंटिंग का मूल्य 3.9 करोड़ से लेकर 5.2 करोड़ रुपये तक के बीच होने का अनुमान लगाया गया था। देश की महिला कलाकारों में अग्रणी अमृता शेरगिल की केवल एक दशक के संक्षिप्त करियर में भारतीय कला जगत पर गहरी छाप रही है।
व्यंग्य की दुनिया में जाना-पहचाना नाम, 4 व्यंग्य संग्रह, अवधी में दो कविता संग्रह। श्रीलाल शुक्ल संचयिता सहित 9 पुस्तकों का संपादन। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का अवधी कविता और व्यंग्य का पुरसकार। आलोचना के लिए स्पंदन सम्मान।