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कला-संस्कृति

नाटक में गांधी

नाटक में गांधी

“हमारी चुनावी राजनीति जिस तरह महात्मा को आज भी कुचल रही है, उनके 150वीं जयंती वर्ष में नाटकों में नए...
अकाल में यह सूनापन !

अकाल में यह सूनापन !

डॉ. नामवर सिंह का निधन हमारी भाषा और समाज के लिए बड़ी क्षति तो है ही, यह बड़े संकट का संकेत भी हो सकता है।...
कोई दूसरा नामवर न हुआ

कोई दूसरा नामवर न हुआ

“उर्दू साहित्य में जैसे कोई दूसरा गालिब न हुआ, भाषा विज्ञान में कोई दूसरा नोम चोम्स्की न हुआ, बांग्ला...
गांव और किसान की फिक्र

गांव और किसान की फिक्र

“यह किताब एक गंभीर अध्ययन है जो खेती-किसानी संबंधी ज्यादातर पुराने अध्ययनों को देखने-पढ़ने के बाद...