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एनडीए छोड़ तेजस्वी यादव के साथ जाने पर नीतीश को लेकर क्या बोले प्रशांत किशोर?

नीतीश कुमार के नेतृत्व में सात दलों के महागठबंधन की सरकार बुधवार को यानी आज बिहार की सत्ता संभालेगी।...
एनडीए छोड़ तेजस्वी यादव के साथ जाने पर नीतीश को लेकर क्या बोले प्रशांत किशोर?

नीतीश कुमार के नेतृत्व में सात दलों के महागठबंधन की सरकार बुधवार को यानी आज बिहार की सत्ता संभालेगी। नीतीश ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद महागठबंधन ने उन्हें अपना नेता चुना और उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

बता दें कि इससे पहले नीतीश की पार्टी जदयू ने 2015 में भी आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर महागठबंधन बनाया था।

इस बीच बिहार के बदले सियासी समीकरण को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे भरोसा है कि बिहार में जो ताजा राजनीतिक उठापटक हुई है वह प्रदेश तक ही सीमित है। मुझे नहीं लगता है कि ऐसा राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के तौर पर विकल्प खड़ा करने के इरादे से हुआ है। तेजस्वी यादव बिहार में सबसे बड़े दल के नेता हैं, लिहाजा संभव है कि नए गठबंधन में बड़ी भूमिका निभाएंगे। लोग यह देख पाएंगे कि वह नई सरकार में किस तरह से काम करते हैं।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जो कल हुआ या जो हो रहा है। मैं उसे 2012-13 से बिहार में जो राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हुआ है, उस परिपेक्ष्य में देखता हूं। 10 साल में ये छठी बार सरकार बनाई जा रही है। मेरी आशा है कि कम से कम अब राज्य में राजनीतिक स्थिरता लौटे।

नीतीश कुमार ने कहा कि वह एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि वह बिहार के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। नीतीश कुमार मुख्य अभिनेता, केटेलिस्ट हैं... बिहार के नागरिक के रूप में, आप केवल यह उम्मीद कर सकते हैं कि वह अब अपने द्वारा बनाए गए नए गठबंधन पर अडिग हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग उम्मीद करेंगे कि नया गठन (जदयू और राजद) कायम रहे। इसकी प्राथमिकताएं लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप होनी चाहिए। यह देखने की जरूरत है कि नई सरकार पिछली सरकार से बेहतर काम करेगी या नहीं।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जो कल हुआ या जो हो रहा है। मैं उसे 2012-13 से बिहार में जो राजनीतिक अस्थिरता को दौर शुरू हुआ है उस परिपेक्ष्य में देखता है। 10 साल में ये छठी बार सरकार बनाई जा रही है। मेरी आशा है कि कम से कम अब राज्य में राजनीतिक स्थिरता लौटे।

तेजस्वी यादव बिहार में सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं और संभवत: वे इस नए गठन को चलाने में अहम भूमिका निभाएंगे। जनता देख सकेगी कि वह इस नई सरकार में कैसे काम करता है।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में असहज महसूस कर रहे थे और इसी वजह से उन्होंने दूसरे दलों के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।

कभी कुमार के करीबी माने जाने वाले किशोर ने कहा कि बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम का असर फिलहाल राज्य तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कहा कि अल्पावधि में राष्ट्रीय स्तर पर इस बदलाव का कोई असर दिखने की संभावना नहीं है।

किशोर ने पटना में समाचार चैनल को कहा, ‘‘2017 से 2022 तक वह भाजपा के साथ थे, लेकिन कई कारणों से मैंने उन्हें कभी सहज नहीं पाया। उन्होंने सोचा होगा कि क्यों न महागठबंधन के साथ प्रयोग किया जाए।’’ कुमार के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं की खबरों पर, किशोर ने कहा कि घटनाक्रम पूरी तरह से केवल बिहार तक सीमित है।

किशोर ने ‘सीएनएन न्यूज 18’ से कहा कि यह देखना होगा कि नयी सरकार कुछ करती है या नहीं, क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) का भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर रुख एकदम अलग है।

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